प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दो सप्ताह के COP28 जलवायु सम्मेलन के उद्घाटन के कुछ ही क्षण बाद, शुक्रवार को 475 मिलियन डॉलर के लॉस्ट एंड डैमेज फंड को चालू करने के यूएई राष्ट्रपति पद के ऐतिहासिक फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि कल हुई लॉस एंड डैमेज फंड को संचालित करने के निर्णय का भारत स्वागत करता है। इससे COP28 समिट में नई आशा का संचार हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि COP28 समिट से क्लाइमेट फाइनेंस से जुड़े अन्य विषयों पर भी ठोस परिणाम निकलेंगे।
ग्लोबल साउथ का जिक्र
मोदी ने कहा कि जी20 में इस बात पर सहमति बनी कि जलवायु कार्रवाई के लिए 2030 तक कई ट्रिलियन डॉलर की जरूरत है। ऐसा जलवायु वित्त जो उपलब्ध हो, सुलभ हो और किफायती हो। मुझे उम्मीद है कि यूएई की जलवायु वित्त रूपरेखा पहल के साथ इस पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी आवश्यक है। ग्लोबल साउथ के देशों की अपेक्षा है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकसित देश यथासंभव उनकी मदद करें। यह स्वाभाविक एवं उचित है।
जलवायु परिवर्तन सर्वोच्च प्राथमिकता
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने सतत विकास और जलवायु परिवर्तन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हमने एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य को अपनी (जी20) अध्यक्षता की नींव बनाया और सामूहिक प्रयासों से हम कई मुद्दों पर सहमति बनाने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि भारत सहित वैश्विक दक्षिण के देशों की जलवायु परिवर्तन में कम भूमिका रही है। लेकिन उन पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बहुत अधिक है। संसाधनों की कमी के बावजूद ये देश जलवायु कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
ऋषि सुनक से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि COP28 दुबई शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ उत्कृष्ट बातचीत हुई। भारत-ब्रिटेन के बीच की मित्रता आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाने में मदद करेगी। मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि COP28 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने दोस्तों, ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड कैमरन और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर से मिलकर खुशी हुई। मैं सतत विकास की दिशा में काम करने के उनके जुनून की सराहना करता हूं।