जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद एक ओर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को लगातार कामयाबी मिल रही है. तो वहीं दूसरी ओर एक बार फिर पर्यटन घाटी में आमदनी का मुख्य जरिया बनता जा रहा है. बीते दो सालों के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि कैसे पर्यटन ने राज्य के युवाओं को अपनी ओर मोड़ा है. कश्मीर का लगभग हर एक जिला पर्यटन की गतिविधियों से जुड़ा है और वहां के लोगों की आय इससे बढ़ी है.
गृह मंत्रालय ने दिया खास ध्यान
मोदी सरकार की नीति के तहत पिछले 4 सालों में गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने लगातार कश्मीर से जुड़े विकास के मुद्दे पर ध्यान दिया जिसमें पर्यटन एक अहम कड़ी था. गृहमंत्री अमित शाह की देखरेख में बाकायदा कश्मीर पर्यटन नीति बनाई गई. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और कश्मीर में पर्यटन से जुड़े अधिकारी लगातार इस पर काम करते रहे. नतीजा यह हुआ कि अब कश्मीर में आतंकवाद की जगह पर्यटन का जो विजन है वह साकार होता दिख रहा है.
तेजी से लौट रही है शांति
आतंकवाद का स्थान पर्यटन ले रहा है. यह इस बात का प्रमाण है कि जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति तेजी से लौट रही है. लोग शांति, विकास और पर्यटकों की आमद से लाभान्वित हो रहे हैं. यह सब बदलाव विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों और सहयोग के कारण संभव हो सका है. इसलिए जम्मू-कश्मीर पुलिस सहित सभी सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद से दृढ़ता से लड़ने के लिए प्रशंसा की पात्र हैं. सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है और पर्यटन के बुनियादी ढांचे और पर्यटन स्थलों पर बड़े निवेश के परिणाम सामने आए हैं. क्योंकि बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं.
विदेशी पर्यटकों की संख्या में 350% की वृद्धि
जम्मू-कश्मीर में लगातार पर्यटकों की अभूतपूर्व भीड़ देखी गई है. मई में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के बाद जम्मू-कश्मीर में विदेशी पर्यटकों की संख्या में 350% की वृद्धि हुई है. पिछले साल जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड 1.88 करोड़ पर्यटक आए थे. इस साल अक्टूबर तक ही 1.80 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर आ चुके हैं. साल के अंत तक ये उम्मीद की जा रही है कि जम्मू कश्मीर में पर्यटकों का आंकड़ा 2 करोड़ को पार कर जाएगा. श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर की पर्यटक क्षमता, शांति और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रदर्शित करने के लिए प्रमुख कार्यक्रमों की मेजबानी सहित उल्लेखनीय प्रयासों ने यूटी (केंद्र शासित प्रदेश) को उल्लेखनीय रूप से बदल दिया है.
पर्यटकों को लुभाने की कोशिश
2022 की तुलना में इस वर्ष कश्मीर में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 700 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. जो ट्रैवल एजेंट कश्मीर में अपना कारोबार चलाते हैं वो अब ज्यादा से ज्यादा आराम आने वाले पर्यटकों को देने की कोशिश कर रहे हैं. 2022 में 4028 विदेशी मेहमानों के मुकाबले इस साल के पहले आठ महीनों में 30647 विदेशी मेहमानों का आगमन दर्ज किया गया है. इस वर्ष कश्मीर आने वाले अधिकांश विदेशी पर्यटक यूरोप, थाईलैंड, मलेशिया से थे. कश्मीर 1960, 1970 और 1980 के दशक में कश्मीर विदेशी पर्यटकों के पसंदीदा स्थलों में से एक था. घाटी में आतंकवाद की शुरुआत के साथ, संख्या में भारी गिरावट आई. और अब घाटी में शांति लौटने के साथ, विदेशी पर्यटक फिर से यहां आने लगे हैं.
मिशन ‘वेडिंग डेस्टिनेशन’
पिछले दो वर्षों में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनने के बाद, कश्मीर पर्यटन विभाग 2024 में घाटी को देश में सबसे अधिक मांग वाला ‘वेडिंग डेस्टिनेशन’ बनाने के मिशन पर है. चूंकि शादी का व्यवसाय बहुत बड़ा है और दिन पर दिन बड़ा होता जा रहा है. घाटी में पर्यटन के कारोबार से जुड़े लोग आने वाले वर्षों में लोगों को अपना ये खास दिन यहां मनाने के लिए आकर्षित करने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं. संभावना को महसूस करते हुए, पर्यटन विभाग ने जम्मू-कश्मीर को को एक आदर्श ‘वेडिंग डेस्टिनेशन’ के रूप में स्थापित करने के लिए कई अभियान शुरू किए हैं. पर्यटन विभाग ने पहले ही श्रीनगर में रॉयल स्प्रिंग गोल्फ कोर्स जैसी संपत्तियों को लोगों के लिए खोल दिया है. जिसके बाद पहलगाम, गुलमर्ग और राज्य की झीलों का चयन करने की प्रक्रिया में लगा है.