Banke Bihari Temple कॉरिडोर के निर्माण को लेकर Allahabad High Court ने दी हरी झंडी

Banke Bihari Temple कॉरिडोर के निर्माण को लेकर Allahabad High Court ने दी हरी झंडी

मथुरा के मशहूर बांके बिहारी मंदिर को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए मंदिर के कॉरिडोर निर्माण को लेकर 20 नवंबर को हरी झंडी दे दी है। इस संबंध में जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 31 जनवरी, 2024 को होगी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने आनंद शर्मा और मथुरा के एक अन्य व्यक्ति की जनहित याचिका पर सुनवाई की है।

पीठ ने सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है कि वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर एक कॉरिडोर बनाने की यूपी सरकार की योजना पर काम किया जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंदिर के बैंक खाते में जमा धन से कॉरिडोर को नहीं बनाया जाएगा। बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने अदालत में बताया था कि मंदिर के क्षेत्र को गलियारे के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसमें श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन पूजा की सुविधा के लिए मंदिर के पास ही पांच एकड़ जमीन खरीदी जाएगी।

अदालत में राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि गोस्वामी परिवार द्वारा होने वाली पूजा, अर्चना या श्रृंगार में सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। उनके सभी अधिकार यथावत बने रहेंगे। बांके बिहारी कॉरिडोर योजना में उल्लेख किया गया है कि मंदिर के आसपास पांच एकड़ जमीन पर पार्किंग व अन्य सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। पीठ ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद कहा कि राज्य सरकार इस अदालत में पेश योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ आगे बढ़े। यह अदालत न्याय हित में इसे उचित और आवश्यक पाती है। हम यह राज्य सरकार पर छोड़ते हैं कि वह योजना क्रियान्वयन के लिए इस क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञों के साथ परामर्श के बाद जो उचित समझे, वह कदम उठाए।” 

वहीं मंदिर परिसर के आसपास हो रहे अतिक्रमण के मुद्दे पर अदालत ने टिप्पणी की है। सुनवाई के दौरान अदालत कहा, “राज्य सरकार मंदिर की तरफ जाने वाले मार्ग पर अतिक्रमण हटाने के लिए भी उचित कदम उठाने को स्वतंत्र है। राज्य सरकार से अपेक्षा है कि योजना लागू करने के बाद वह यह सुनिश्चित करे कि आगे कोई अतिक्रमण न हो।” बांके बिहारी कॉरिडोर निर्माण के दौरान भक्तों को भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसे लेकर अदालत ने कुछ सुझाव भी दिए है। अदालत ने कहा कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि इस योजना के क्रियान्वयन को छोड़कर किसी भी तरह से दर्शन बाधित नहीं होगा और इस दौरान उचित वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। जिला प्रशासन को भी उक्त निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है और किसी भी तरह के उल्लंघन की सूचना इस अदालत को दी जाए।” 

जनहित याचिका में कहा गया कि दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जाती है और चोरी, लूट और संपत्ति के नुकसान के लिए ढेरों प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं। भारी भीड़ की वजह से भक्तों की मृत्यु के मामलों का भी इस याचिका में जिक्र किया गया है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन पर भीड़ को संभालने और मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर उचित गलियारा तैयार करने की जिम्मेदारी है जिससे श्रद्धालु श्री ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज का सुगमता के साथ दर्शन-पूजन कर सकें। लेकिन प्रशासन इस काम में पूरी तरह विफल रहा। कई हादसों के बावजूद जिला प्रशासन या राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। 

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