उत्तराखंड: Earthquake Alert के लिए 350 सेंसर लगाने की तैयारी, केंद्र से ग्रीन सिग्नल का इंतजार

उत्तराखंड: Earthquake Alert के लिए 350 सेंसर लगाने की तैयारी, केंद्र से ग्रीन सिग्नल का इंतजार

देहरादून: उत्तरकाशी में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच बुधवार रात महसूस किए गए भूकंप के झटकों ने एक बार फिर पहाड़ के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. इसके साथ ही एक बार फिर वैज्ञानिकों में चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि एक बड़ा भूकंप पूरे हिमायन बेल्ट में कभी भी और कहीं भी आ सकता है. बता दें कि इसी महीने की 4 तारीख को नेपाल में आये भूकंप में 132 लोगों की जान चली गई थी, तब झटके उत्तराखण्ड समेत दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस हुए थे.

बता दें कि इस साल 15 से ज्यादा बार ऐसा रहा जब उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस हुए. वहीं, बुधवार रात 2 बजकर 2 मिनट पर उत्तरकाशी में आया भूकंप का झटका वैज्ञानिकों में चर्चाओं को जोर दे रहा है कि एक बड़ा सेस्मिक गैप पूरे हिमालन बेल्ट में देखा जा रहा है. यह इशारा करता है कि बड़ा भूकम्प कभी भी और कही भी आ सकता है.

अजय पॉल, रिटायर्ड जियोलॉजिस्ट, वॉडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी बताते हैं कि सेस्मिक गैप की वजह से भूकंप का आना लंबे समय से लंबित यानी ड्यू माना जाता है. वहीं, भूकंप के झटकों से लोगों को अलर्ट करने को लेकर राज्य में भूकंप अलर्ट एप्प लांच किया गया था, जिसमें 5 तीव्रता वाले भूकंप आने पर 30 से 40 सेकेंड पहले अर्ली वॉर्निंग भेजा जाता था. लेकिन, उसको अब अपडेट कर भू-देव एप्प नाम से रिलांच करने की तैयारी है.

इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार की तरफ से केंद्र सरकार से 350 सेंसर लगाने का अप्रूवल मांगा गया है, ताकि भूकंप के अलर्ट भूदेव ऐप से भेजे जाएं. भूकंप एक्सपर्ट गिरीश चंद्र जोशी कहते हैं कि भूकंप को लेकर कोई भविष्यवाणी सम्भव नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि इसको राष्ट्रीय स्तर पर भी देखे जाने की जरूरत है, क्योंकि बड़ा खतरा कभी भी और कहीं भी आ सकता है. ऐसे में पहले से की गई तैयारी हजारों लोगों की जान बचा सकती है.

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