अमरनाथ की यात्रा करना बेहद कठिन माना जाता है। अमर नाथ की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को कठिन मार्ग से होते हुए भगवान शिव के बर्फानी रूप के दर्शन होते है। मगर अब श्रद्धालुओं के लिए अमरनाथ पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा।
अमरनाथ पहुंचने के लिए अब श्रद्धालुओं के लिए सीमा सड़क संगठन ने हाल ही में वाहनों का पहला जत्था रवाना किया है। अधिकारियों ने कहा कि पहली बार अमरनाथ गुफा तक वाहन पहुंच गए हैं जहां सीमा सड़क संगठन ने जम्मू-कश्मीर में स्थित इस गुफा मंदिर तक सड़क संपर्क का विस्तार किया है। मंदिर तक कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में ये बेहद अहम कदम है। अधिकारियों ने कहा कि मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले में डुमेल से बालटाल आधार शिविर के रास्ते अमरनाथ गुफा तक सड़क का चौड़ीकरण पूरा हो गया है। आमतौर पर अमरनाथ की यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं को पैदल या खच्चरों की पीठ पर बैठकर यात्रा करनी पड़ती है। वर्ष 2004 में मंदिर के लिए हेलिकॉप्टर सर्विस की शुरुआत भी हो चुकी है, जिसके बाद अब गाड़ियां भी यहां पहुंच सकेंगी।
अधिकारी ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों ने बहुत बड़ा काम पूरा किया है और अमरनाथ गुफा मंदिर तक सड़क संपर्क का विस्तार करके इतिहास बना दिया है। अधिकारियों के अनुसार वाहनों का पहला जत्था मंदिर तक पहुंच गया है। बीआरओ को पिछले साल गुफा मंदिर तक जाने वाले दोहरे मार्गों का रख-रखाव करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बीआरओ के ‘प्रोजेक्ट बीकन’ में अमरनाथ यात्रा मार्ग की बहाली और सुधार का काम शामिल है।
उमर ने की आलोचना
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को अमरनाथ गुफा मंदिर तक वाहन पहुंचने योग्य सड़क के निर्माण पर सवाल उठाया और कहा कि इस तरह से पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना अच्छा नहीं है और यह इसे नष्ट करने के समान है। उमर ने कहा कि वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा वर्षों से चल रही है और वहां वाहन ले जाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कुछ आसान व्यवस्था प्रदान करना एक बात है, लेकिन इस मामले पर दोबारा विचार करने की सख्त जरूरत है। ऐसी जगहों पर वाहन ले जाना उन्हें नष्ट करने के समान है। जब से यात्रा शुरू हुई है, यहां के लोग (अमरनाथ) यात्रियों को अपने कंधों पर उठाकर ले गए हैं, और ऐसा करना जारी रखेंगे। हमारे पर्यावरण के साथ इस तरह से खिलवाड़ करना अच्छा नहीं है।’’ उमर ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के दौरान कुछ कठिनाइयों का सामना करना आम है। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम हज के लिए जाते हैं, तो क्या हम किसी वाहन में तवाफ़ करते हैं। नहीं, हम ऐसा पैदल करते हैं। लोग माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं और कई लोग पैदल जाते हैं तथा वाहनों आदि का इस्तेमाल नहीं करते हैं।’’ सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले में बालटाल आधार शिविर होते हुये डुमैल से अमरनाथ गुफा तक सड़क का चौड़ीकरण पूरा कर लिया है जिसके बाद अब वाहन गुफा तक पहुंच रहे हैं।