बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आज बिहार विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ धरना दिया और उनके इस्तीफे की मांग की। पटना में राज्य विधानसभा में नीतीश कुमार के अपमानजनक बयान को लेकर एनडीए विधायकों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। इस बीच, बिहार विधानसभा में जातिगत आरक्षण को 65 प्रतिशत तक बढ़ाने का विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने एनडीए विधायकों को लड्डू (मिठाई) खिलाए। लेकिन, एनडीए विधायकों ने पटना में विरोध प्रदर्शन के दौरान जमकर मिठाइयां फेंकीं।
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि ये(राजद) लोकतंत्र के हत्यारे हैं। राजद के लोग गुंडा राज स्थापित करते हैं... वे(तेजस्वी प्रताप) भूल गए कि उनके पिता ने बिहार में जंगल राज स्थापित किया था। भाजपा ने अपना बलिदान देकर बिहार को इस जंगल राज से निकाला था। तेजस्वी यादव हड़बड़ी में हैं कि जल्दी से मुख्यमंत्री(नीतीश कुमार) डिरेल हों और वे उप मुख्यमंत्री से मुख्यमंत्री बन जाएं। बिहार की जनता उनका ये सपना साकार नहीं होने देगी। मांझी ने कहा, विधानसभा के अभिरक्षक अध्यक्ष हुआ करते हैं... इस बात का दुख है कि सदन के अध्यक्ष(अवध बिहारी चौधरी) सत्ता पक्ष के पक्ष में अपना सारा निर्णय दे रहे हैं, जो इस संविधान और जनतंत्र के लिए घातक है। मुख्यमंत्री(नीतीश कुमार) तो दोषी हैं ही लेकिन हमारे अध्यक्ष भी उनसे कम दोषी नहीं हैं।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार गुरुवार (9 नवंबर) को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) नेता जीतन राम मांझी पर जमकर बरसे। आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कुमार पूर्व मुख्यमंत्री पर अपना आपा खो बैठे। विधानसभा में बोलते हुए कुमार ने कहा कि मांझी को उनकी मूर्खता के कारण राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है। हंगामा तब हुआ जब मांझी बिल पर अपना संबोधन दे रहे थे. बिल पर चर्चा के दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि उन्हें बिहार में हुई जातीय जनगणना पर भरोसा नहीं है। कुमार ने कहा कि वह (मांझी) मेरी मूर्खता के कारण मुख्यमंत्री बने। क्या उन्हें कोई ज्ञान है? वह अब राज्यपाल बनना चाहते हैं। पहले भी वह आपके (भाजपा) पीछे भागते थे, कृपया उन्हें राज्यपाल बना दें।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी और बिहार के पूर्व सीएम ने मौजूदा विधानसभा सत्र में अपनी टिप्पणी को लेकर नीतीश कुमार की आलोचना की है। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि नीतीश कुमार अगर आपको लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया यह आपकी भूल है। जब जदयू विधायकों ने लतियाना शुरू किया तो उसके डर से आप कुर्सी छोडकर भाग गए थे। अपनी नामर्दी छुपाने के लिए एक दलित पर ही वार कर सकतें है, औकात है तो ललन सिंह के खिलाफ बोलकर दिखाईए जो आपका ऑपरेशन कर रहें थें। हालांकि, इस बारे में बोलते हुए बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि एक-दूसरे पर आरोप लगाना राजनीति का स्वभाव है।