बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला शिक्षा के बाद इस तरीके का बयान दिया, उससे बिहार की राजनीति में जबरदस्त बवाल मचा हुआ है। भाजपा ने नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बयान को लेकर माफी मांग ली है। लेकिन राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है। दूसरी ओर राजद की वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार का बचाव किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके मुंह से गलती से इस तरीके का बयान निकल गया। वह ऐसा नहीं कहना चाहते थे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने इसको लेकर सदन में माफी भी मांग ली है। विपक्ष से उन्होंने कहा कि उन्हें सदन चलने देना चाहिए और मुख्यमंत्री को अपनी बात का पछतावा है। इससे पहले तेजस्वी यादव ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव किया था
हालांकि, भाजपा जबरदस्त तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर है। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि भले ही उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन पूरा बिहार शर्मसार हुआ है। उन्हें इस तरह का बयान देने की हिम्मत कैसे हुई?...केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा उन्हें सभी महिलाओं के सामने हाथ जोड़कर ये कहना चाहिए कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है और आगे ऐसी कभी भी गलती नहीं करेंगे। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि हमें शर्म आती है कि वह हमारे राज्य के सीएम हैं...मुझे लगता है कि बिहार के सभी व्यक्ति को शर्म आ रही होगी क्योंकि उनका सीएम ऐसी अश्लील भाषा का इस्तेमाल कर रहा है...यह तीसरे दर्जे का बयान है। भाजपा के सहयोगी से विरोधी बने कुमार पर सबसे तीखा हमला निशिकांत दुबे ने किया, जिन्होंने कुमार की टिप्पणियों को अश्लील कहानी कहने की संज्ञा दी। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि महागुरु नीतिशानंद महाराज का Porn story telling अवश्य सुने और जनसंख्या नियंत्रण करें।
बीजेपी नेता नित्यानंद राय ने कहा कि यह बहुत आपत्तिजनक है, नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से महिलाओं को लेकर बयान दिए हैं यह अमर्यादित है इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है और इस बयान के पक्ष में तेजस्वी यादव का बयान भी आपत्तिजनक है। नीतीश कुमार अब सीएम पद पर रहने लायक नहीं हैं। आपने इस देश की संस्कृति को नष्ट कर दिया है...उन्हें माफी मांगनी चाहिए और खुद को राजनीति से अलग कर लेना चाहिए। मनोज तिवारी ने कहा कि मैं नीतीश कुमार को 2004 से जानता हूं। हालांकि, बयान सुनने के बाद मेरे मन में उनके लिए सम्मान कम हो गया है। कोई व्यक्ति राज्य विधानसभा के पटल पर ऐसा कुछ कैसे कह सकता है?...नीतीश कुमार के बाद यह कथन एक गुज़रे हुए मामले जैसा लगता है।