मुंबई पुलिस ने बुधवार को महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के खिलाफ मामला दर्ज किया। सूत्रों के मुताबिक, 2019 से अब तक ऑनलाइन सट्टेबाजी एप्लीकेशन के जरिए करीब 15,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। पुलिस ने चंद्राकर के अलावा रवि उप्पल और शुभम सोनी समेत कुल 32 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 120 (बी) और आईटी एक्ट की धारा 66 (सी), 66 (एफ) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इस मामले में आईटी की जो धारा 66 (एफ) लगाई है उसका मतलब है साइबर आतंकवाद के लिए सजा। यह धारा बहुत ही कम मामलों में लगाई जाती है और खासकर ऐसे मामलों में जिनमें भारत की अखंडता, एकता और सुरक्षा खतरे में हो।
सट्टेबाजी ऐप के कथित मालिक शुभम सोनी ने दुबई से एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने सनसनीखेज दावा किया कि उन्होंने सीएम और उनके सहयोगियों को 508 करोड़ रुपये दिए। चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में छापेमारी के दौरान ईडी द्वारा लगभग 5 करोड़ रुपये नकद जब्त किए जाने के बाद महादेव ऐप सुर्खियों में आया। जांच एजेंसी ने कुछ दिन पहले रायपुर और भिलाई से करीब 5 करोड़ रुपए जब्त किए थे। असत्यापित वीडियो में सोनी ने दावा किया कि वह महादेव ऐप का मालिक है। उन्होंने वीडियो संदेश में अपना पैन कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट दिखाते हुए दावा किया कि उन्होंने वर्ष 2021 में महादेव सट्टेबाजी ऐप शुरू किया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इससे पहले 5 नवंबर को, केंद्र ने प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर महादेव ऐप और रेड्डीअन्नाप्रिस्टोप्रो सहित 22 अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के खिलाफ अवरुद्ध आदेश जारी किए थे। 22 अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद हुई, जिसमें ऐप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ।