पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर विपक्ष द्वारा ‘‘चोर’’ होने के लगाए गए आरोप पर निराशा व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने कभी एक भी पैसा नहीं लिया और न ही किसी से एक कप चाय पी है।
उन्होंने यहां अपने भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार भ्रष्ट थी क्योंकि 2011 में गठबंधन को हराकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सत्ता में आने के बाद एक करोड़ फर्जी राशन कार्ड का पता चला था और बाद में उन्हें रद्द कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी कथित राशन आपूर्ति घोटाले की जांच के सिलसिले में पिछले महीने ईडी द्वारा वरिष्ठ मंत्री ज्योति प्रिय मलिक की गिरफ्तारी पर हो-हल्ला के बीच आई है। पार्टी के कई अन्य नेताओं को भी भ्रष्टाचार के मामलों में उनकी कथित संलिप्तता के लिए केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है।
विपक्षी भाजपा टीएमसी सरकार और पार्टी के नेताओं पर ‘‘चोर’’ होने का आरोप लगाती रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि कुछ लोगों ने समस्याएं पैदा की हों, लेकिन हमने सात-आठ साल तक तंत्र को दुरुस्त करने के लिए बहुत प्रयास किए। क्या हमने दूसरों के पैसे से एक कप चाय भी पी है? मैंने एक पैसा भी नहीं लिया। मैं (एक पूर्व सांसद के रूप में) 1.25 लाख रुपये मासिक पेंशन भी नहीं लेती हूं।’’
बनर्जी ने दावा किया कि टीएमसी सरकार द्वारा भारी संख्या में फर्जी राशन कार्ड को रद्द करने के कदम के कारण कोविड महामारी के दौरान भूख से कोई मौत नहीं हुई।
टीएमसी नेता ने जंगलमहल इलाके में माकपा नीत वाम मोर्चा सरकार के दौरान लोगों की हालत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जब मैं विपक्षी सांसद के रूप में वहां गई तो यह जानकर दंग रह गई कि बिरपहाड़ी में लोग चींटियां खाते हैं।’’
बनर्जी ने लोगों से यह भी कहा कि जब उनका निधन हो, तो ‘‘उन लोगों को मेरे पास न आने दें, जो मेरे खिलाफ उल्टी-सीधी बात बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ते।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं जितना हो सके उतना काम करने में विश्वास करती हूं। लेकिन, मैं दूसरों की तरह अपना गुणगान करने में विश्वास नहीं करती। मैंने अपने नाम पर स्टेडियम का नामकरण नहीं किया है।’’ उनके इस बयान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है जिनके नाम पर अहमदाबाद में एक क्रिकेट स्टेडियम है।