छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर को पहले राउंड की वोटिंग होनी है। लेकिन पहले राउंड की वोटिंग से पहले ही महादेव बैटिंग एप को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है जो छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की परेशानियां और बढ़ा सकती है। भूपेश बघेल पर 508 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। तो वहीं, बघेल अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब चुनाव प्रचार करने पहुंचे तो उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जनता का भरोसा तोड़ा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है महादेव बेटिंग ऐप, कैसे काम करता है ये एप और छत्तीसढ़ की भूपेश बघेल सरकार क्यों कटघरे में है।
कैसे हुई पूरे मामले की शुरुआत
छत्तीसगढ़ का एक शहर है भिलाई, इतिहास में इस जगह को स्टील प्लांट वाले शहर के रूप में जाना जाता था। करीब 10 साल पहले इसी शहर के नेहरू नगर इलाके में एक जूस की दुकान होती थी। जूस की दुकान का नाम महादेव जूस कॉर्नर और इसे चलाने वाले का नाम सौरभ चंद्रा था। इसी जूस की दुकान से कुछ ही दूरी पर एक टॉयर की दुकान भी हुआ करती थी। इस दुकान के मालिक का नाम रवि उप्पल था। दोनों अच्छे दोस्त थे और दोनों का ही धंधा समय के साथ चल रहा था। लेकिन दोनों को ही सट्टे की लत लग गई। ऑनलाइ सट्टेबाजी के लिए उन्होंने प्ले स्टोर में मिलने वाली सट्टेबाजी एप्स का सहारा लिया। शुरुआत छोटे सट्टे से हुई। फिर ये सट्टे में लगाए जाने वाले पैसे की तादाद बढ़ती गई। लेकिन फिर दोनों को इसमें होने लगा नुकसान। दोनों पैसा लगाते रहे और गंवाते रहे। देखते ही देखते सौरभ 15 लाख और रवि 10 लाख रुपए गंवा चुका था। वो पैसे डुबाते गए लेकिन एप्स को पैसे नहीं चुका रहे थे। लिहाजा कर्ज में उतरने लगे। दोनों को फिर देश छोड़कर भागने का ही रास्ता सूझा। दोनों ने दुबई का टिकट कटा लिया। दुबई में पहुंचने के बाद दोनों के पास कमाने का संकट था। दोनों ही मुलाकात दुबई में एक पाकिस्तानी से हुई। फिर सौरभ, रवि ने शेख के सामने ऑनलाइन सट्टेबाजी का प्लान शुरू किया। कोरोना लॉकडाउन के बाद दोनों ने एक एप बनवाई जिसका नाम महादेव बुक रखा।
कैसे काम करता था ये ऐप
महादेव बुक का काम लोगों से अलग अलग गेम्स में सट्टा लगवाना था। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादाखाते छत्तीसगढ़ में खुले। इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था। यूजर को केवल शुरुआत में फायदा और बाद में नुकसान होता था। फायदे का 80 % हिस्सा दोनों अपने पास रखते थे। सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है, जिसमें एल्गोरिदम ये तय करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30 ग्राहक ही जीतें। हिदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ये पूरा खेल इतना बड़ा है कि दुबई के प्रमोटरों के पास पूरे इंडिया में 4 हजार से ज्यादा पैनल हैं और हरेक पैनल के पास 200 से ज्यादा उसके काम करने वाले हैं। यानी स्कीम में पैसा लगाने वाले 8 लाख से ज्यादा लोग हैं।
छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल का नाम घोटाले में कैसे आया?
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामला तब से सुर्खियों में आया, जब ईडी ने दावा किया कि उसने एक कैश कूरियर के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है। जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौरप र 508 करोड़ रुपये लिए थे। वहीं महादेव बुक का मालिक अब हिरासत में है। उसे मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया है।
महादेव ऐप समेत 22 अवैध सट्टेबाजी प्लैटफॉर्म्स ब्लॉक
केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध पर महादेव ऐप समेत 22 अवैध सट्टेबाजी प्लैटफॉर्म्स के खिलाफ ब्लॉक आदेश जारी किए हैं। आई राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसा करने का अधिकार होने के बावजूद इन प्लैटफॉर्म्स को ब्लॉक करने के लिए कोई अनुरोध नहीं भेजा। छत्तीसगढ़ सरकार के पास वेबसाइट / ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया जबकि वे पिछले 1.5 वर्षों से इसकी जांच कर रहे हैं। पहला और एकमात्र अनुरोध ईडी की तरफ से मिला है और उस पर कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह का अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका।
शुभव सोनी ने लगाया बघेल को 508 करोड़ घूस देने का दावा
महादेव ऐप के मालिक होने का दावा करने वाले सुभम सोनी ने एक वीडियो में बघेल पर कई बड़े आरोप लगाए हैं। बीजेपी ने अपने एक्स अकाउंट पर ये वीडियो शेयर किया है जिसमें वो कहता नजर आ रहा है कि मैं हूं महादेव बेटिंग ऐप का मालिक, भूपेश बघेल के कहने पर दुबई गया और मैंने अब तक 508 करोड़ रुपये दिए हैं! महादेव बेटिंग एप मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूरी तरह लिप्त हैं। दावा किए जाने के कुछ घंटों बाद बघेल ने एक और बयान जारी कर आरोपों से इनकार किया। बघेल ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि सभी जिम्मेदार टीवी चैनल किस आधार पर एक अज्ञात व्यक्ति का बयान चला रहे हैं? सिर्फ इसलिए कि इसमें मेरा नाम है? क्या यह मानहानि का मामला नहीं है? यह कोई रहस्य नहीं है कि यह वीडियो क्यों और कैसे आया है और यह समझना भी मुश्किल नहीं है कि चुनाव के समय केवल भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा बयान जारी किया गया है।