बेरहामपुर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत ओडिशा के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले फिजियोथेरेपिस्ट ने अपनी नौकरियों को नियमित करने और उनके लिए एक अलग कैडर बनाने की मांग की है। फिजियोथेरेपिस्ट और व्यावसायिक थेरेपिस्ट एक दशक से राज्य भर के विभिन्न जिला मुख्यालयों, उप-विभागीय और चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम कर रहे हैं। ‘ऑल ओडिशा फिजियोथेरेपी सर्विस एसोसिएशन’ (एओपीएसए) के अध्यक्ष शशांक शेखर परिदा ने रविवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्तमान में लगभग 120 फिजियोथेरेपिस्ट और व्यावसायिक थेरेपिस्ट एनएचएम के तहत स्वास्थ्य केंद्रों में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कई बार अपनी नौकरियों को नियमित करने की मांग की है, लेकिन सरकार हमारी मांगों पर चुप है।’’ परिदा ने दावा किया कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों ने एनएचएम के तहत काम करने वाले फिजियोथेरेपिस्ट और व्यावसायिक थेरेपिस्ट की नौकरियों को नियमित कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि बिहार सरकार ने अपने राज्य में फिजियोथेरेपिस्ट और व्यावसायिक थेरेपिस्ट के लिए एक कैडर भी बनाया है। परिदा ने कहा ‘‘लेकिन ओडिशा सरकार ने अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।’’
एओपीएसए के महासचिव प्रियब्रत कालिकिंकर ओझा ने कहा, ‘‘इससे पहले हमने अपनी मांगों के समर्थन में स्वास्थ्य मंत्री और सचिव को एक ज्ञापन सौंपा था। हालांकि सरकार ने मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया है।’’ उन्होंने बताया कि एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को एक और ज्ञापन भी सौंपा है।