MP Election: 50 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला, SP-BSP और AAP से BJP को होगा नुकसान?

MP Election: 50 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला, SP-BSP और AAP से BJP को होगा नुकसान?

मध्य प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि 50 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अलावा, समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अपनी किस्मत आजमाई है. इस त्रिकोणीय मुकाबले के कारण कांग्रेस और बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा. इसकी वजह चुनाव परिणाम को लेकर बीजेपी और कांग्रेस का अनुमान गड़बड़ा गया है. दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गए हैं. ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड की ज्यादातर सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है.

कौन सी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला ?

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी दिमनी विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबले में हैं. बसपा प्रत्याशी बलबीर दंडोतिया और कांग्रेस के रविंद्र तोमर की वजह से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

सुमावली से बसपा प्रत्याशी कुलदीप सिकरवार, मुरैना से राकेश सिंह, अंबाह से रामवरन सिंह, भिंड से संजीव कुशवाना, लहार से रसाल सिंह, सेंवढ़ा से लाखन सिंह, पोहरी से प्रदुम्न्य वर्मा, राजनगर से घासीराम पटेल, पथरिया से रामबाई, नागौद से यादवेंद्र सिंह , मेहगांव से राजवीर सिंह बघेल, जौरा से सोनेराम कुशवाह, सबलगढ़ से सोनेराम धाकड़ ने इन सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.

आमने-सामने होंगे ये नेता

सिंगरौली से आप प्रत्याशी रानी अग्रवाल, टीकमगढ़ से केके श्रृजवास्तव, बांदा से सुधीर यादव, चचौड़ा से ममता मीना, दमोह से चाहत पांडे और चुरहट से अमरेंद्र मिश्रा ने भी इन सीटों पर लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है.

इसी तरह बिजावर से सपा प्रत्याशी रेखा यादव, महाराजपुर तिवारी से अनिल दौलत, अटेर से मुन्ना सिंह भदौरिया, कोतमा से विनोद सिंह बघेल, बड़वारा से मोती कश्यप और जौरा से मनीराम धाकड़ ने मुकाबला कांटे का बना दिया है.

निर्दलीयों ने भी कांग्रेस-बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी की मुश्किल सपा,बसपा और आप तो बढ़ा ही रहे है .इसके अलावा भाजपा के बागियों और कांग्रेस के बागियों ने निर्दलीय चुनाव लड़कर मुकाबले को और भी रोमांचक बना दिया है.

महू से अंतर सिंह दरबार, बुरहानपुर से हर्षवर्धन सिंह चौहान, बड़नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी, भोपाल उत्तर से अमीर अकील, निवाड़ी से नंदराम कुशवाहा, गोटेगांव से शेखर चौधरी, आलोट से प्रेमचंद गुड्डू और सिवनी मालवा से ओम रघुवंशी ने सियासी समीकरणों को नुकसान पहुंचाया है.

कांग्रेस इन्हें रोकने के लिए नै सिरे से रणनीति बना रही

कई सीटों पर बसपा, सपा और कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार दोनों प्रमुख दलों के उम्मीदवारों की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में हैं. इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की जीत तय करने के लिए नए सिरे से रणनीति बना रही हैं.

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