राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज एक भव्य रोड शो निकालने के बाद झालावाड़ सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पिछले 20 सालों से राजस्थान में भाजपा की शीर्ष नेता वसुंधरा राजे को हालांकि पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं घोषित किया है। उम्मीदवारों के चयन और प्रचार संबंधी कार्यों में भी वसुंधरा राजे की इस बार वह भूमिका नजर नहीं आ रही है जोकि 2003 में उनके पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए पिछले सभी चुनावों में देखने को मिली थी। इस बीच, नामांकन से एक दिन पहले वसुंधरा राजे ने अपने एक बयान से दो बड़े संकेत दे दिये हैं। पहला संकेत उन्होंने यह दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं, दूसरा संकेत यह है कि उन्होंने अपने सांसद बेटे दुष्यंत सिंह का नाम आगे बढ़ा दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा आलाकमान उन पर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से पीछे हटने का जो दबाव बना रहा था उसमें वह सफल हुआ है लेकिन वसुंधरा अपने बेटे के राजनीतिक कॅरियर को आगे बढ़ाने का आश्वासन पार्टी से लेने में सफल रही हैं।
हम आपको बता दें कि राजस्थान में अक्सर मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार के तौर पर देखी जाने वाली भारतीय जनता पार्टी की नेता वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को एक जनप्रतिनिधि के तौर पर अपने बेटे व सांसद दुष्यंत राजे की प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि वह अब ‘रिटायर’ हो सकती हैं। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री ने एक जनसभा में यह बयान दिया। दरअसल, बीते कुछ महीने से भाजपा के चुनाव जीतने की सूरत में पांच बार की सांसद और चार बार की विधायक वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर अटकलों का दौर जारी है। जनसभा में वसुंधरा ने बीते तीन दशक में क्षेत्र में हुए विकास कार्यों को रेखांकित करते हुए सड़कों, जलापूर्ति परियोजनाओं और वायु व रेल कनेक्टिविटी का उल्लेख किया। भाजपा की वरिष्ठ नेता ने कहा, “आज लोग पूछ रहे हैं कि झालावाड़ कहां है। लोग यहां निवेश करना चाहते हैं।” वसुंधरा राजे ने कहा कि बेटे का भाषण सुनने के बाद उन्हें लगता है कि वह रिटायर हो सकती हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लग रहा है कि अब मैं रिटायर हो सकती हूं।” वसुंधरा राजे ने कहा कि लोगों ने सांसद साहब (दुष्यंत राजे) को सही प्रशिक्षण और स्नेह दिया है और उन्हें सही रास्ते पर रखा है। उन्होंने कहा कि अब मुझे दुष्यंत के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। जनसभा को संबोधित करते हुए वसुंधरा राजे ने सरकारी भर्तियों के प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाओं और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान फिर से नंबर एक राज्य तभी बनेगा, जब जनता भाजपा को आगे ले जाने का काम करेगी।
हम आपको बता दें कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी जनसभाओं में लगातार कांग्रेस को घेर रही हैं और कह रही हैं कि गहलोत सरकार ने राज्य के लोगों से बहुत कुछ छीना है और बदले में बहुत कम लौटाया है। वसुंधरा राजे ने राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई राहतों को भी नाटक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सरकार अपना खजाना खोल रही है, जो सिर्फ एक दिखावा है। वसुंधरा राजे ने कहा, आखिरी समय में मिली इन राहतों का सच जनता भलि-भांति जानती है। इस सरकार के पांच साल काला अध्याय हैं, जिनमें किसानों के आंसू, महिलाओं की चीखें, दलितों का उत्पीड़न और युवाओं की निराशा शामिल है। उन्होंने अपनी पिछली सरकार के दौरान शुरू की गई सभी योजनाओं को निलंबित करने के लिए भी कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
दूसरी ओर, वसुंधरा राजे के हमलों पर मुख्यमंत्री गहलोत का कहना है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री को कांग्रेस की सात गारंटियों पर बहस करने की चुनौती देते हैं। गहलोत ने कहा है कि राजस्थान के इस चुनाव में मुख्य मुद्दा कांग्रेस पार्टी की यही सात गारंटियां हैं। गहलोत ने कहा, ‘‘राजस्थान चुनाव 2023 का मुख्य मुद्दा है कांग्रेस पार्टी द्वारा दी जा रही 7 गारंटियां। विपक्षी दल की नेता वसुंधरा राजे सिंधिया जी को मैं चुनौती देता हूं कि मेरे साथ कांग्रेस की 7 गारंटी पर एक बहस करें।’’ हम आपको बता दें कि राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं।