मुलायम परिवार की छोटी बहू अपर्णा को लेकर फिर से खबरें उड़ने लगी हैं. परिवार के अंदर से लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में तरह-तरह की चर्चाएं हैं. जितने लोग, उतनी ही बातें. बस एक मुलाकात से ही बात बढ़ गई लगती है. मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की एक फोटो को लेकर लोग तमाम तरह के कयास लगा रहे हैं. ये फोटो अपर्णा के अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात की है. राजनीति में वैसे भी हर मुलाकात के कोई न कोई मायने तो जरूर होते हैं. ऐसे में इस भेंट के पीछे सामान्य शिष्टाचार है या फिर कुछ और !!!
खुद अपर्णा ने ये फोटो सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट किया है. जिसके बाद लोग लिखने लगे कि क्या अपर्णा की ‘घर वापसी’ होने वाली है. किसी ने कहा- देर आए, दुरुस्त आए, आप समाजवादी पार्टी में लौट आइये. कुछ ने कमेंट किया अखिलेश जी से कह कर आप लखनऊ से चुनाव लड़िये. तो एक ने लिखा है कि लौट के बुद्धु घर को आए. जाके रही भावना जैसी के तर्क पर लोग अपनी अपनी राय दे रहे हैं. पर अधिकतर लोग चाहते हैं कि अपर्णा अब घर वापसी कर लें.
पिछले चुनाव में सपा ने टिकट देने से किया था मना
यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में अपर्णा यादव को समाजवादी पार्टी ने टिकट देने से मना कर दिया था. वे हर हाल में लखनऊ के कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं. लेकिन पार्टी के अध्यक्ष और रिश्ते में जेठ अखिलेश यादव इसके लिए तैयार नहीं हुए. वे इसी सीट से 2017 में चुनाव लड़ चुकी हैं. पर उन्हें रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था. फिर 19 जनवरी 2022 को अपर्णा बीजेपी में शामिल हो गई. दिल्ली में बीजेपी के हेड ऑफिस में केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें बीजेपी में शामिल कराया. तब अपर्णा ने कहा था राष्ट्र आराधना के लिए और पीएम नरेन्द्र मोदी की नीतियों के कारण मैं बीजेपी में आई हूं.
मन तो अपर्णा का बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने का था. पर ये चाहत उनके मन में ही रह गई. फिर एमएलसी के लिए उनके नाम की चर्चा हुई. पर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. लखनऊ में मेयर के चुनाव के लिए भी उनका नाम चला. ये सीट महिला के लिए रिज़र्व है. अपर्णा यादव ने मेयर के टिकट के लिए कोशिश भी की. पर उन्हें मौक़ा नहीं मिला. उन्हें अब तक किसी आयोग या बोर्ड में भी जगह नहीं मिली है. अपर्णा के बीजेपी संगठन में भी कोई पद नहीं मिला है.
शिवपाल सिंह यादव से है अच्छे रिश्ते
मुलायम परिवार में अपर्णा यादव के सबसे अच्छे रिश्ते अपने चाचा शिवपाल यादव से है. परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि अपर्णा के पति प्रतीक का बचपन शिवपाल के घर में बीता है. शिवपाल और उनकी पत्नी सरला यादव प्रतीक को बहुत मानते हैं. प्रतीक रिश्ते में मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे हैं. अखिलेश यादव और प्रतीक यादव के कभी मधुर संबंध नहीं रहे. शुरुआत से ही अपर्णा की राजनीति में दिलचस्पी रही है. बीजेपी ने अपर्णा के बहाने अखिलेश यादव के खिलाफ प्रचार किया कि जो परिवार नहीं संभाल सकता है, वो पार्टी क्या संभालेंगा! वैसे सार्वजनिक रूप से अखिलेश और डिंपल यादव के खिलाफ बयान देने से अपर्णा बचती रही हैं.
कुछ ही महीनों पहले शिवपाल यादव की भी समाजवादी पार्टी में घर वापसी हुई है. ये बात उन दिनों की है जब डिंपल यादव मैनपुरी से लोकसभा का उप चुनाव लड़ रही थीं. दिन रात एक कर शिवपाल ने मुलायम सिंह की बड़ी बहू डिंपल के लिए प्रचार किया. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उप चुनाव हुआ था. अब शिवपाल यादव फिर से अखिलेश यादव के साथ हैं. तो क्या वे घरवापसी का मैसेज लेकर अपर्णा के घर गए थे ! शिवपाल इस सवाल पर कहते हैं मैं तो आशीर्वाद देने गया था. ये भी तो हो सकता है कि इस आशीर्वाद के साथ ही कुछ और भी संदेश हो!