प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आप नेता राज कुमार आनंद के ठिकानों पर 22 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी की। ईडी के अधिकारी करीब साढ़े पांच बजे आनंद के आवास से निकले। छापेमारी पूरी होने के बाद एपीपी मंत्री ने एएनआई समाचार एजेंसी को बताया कि तलाशी के दौरान कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। आनंद ने एजेंसी की कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि छापेमारी महज व्यक्तियों को परेशान करने का एक बहाना थी।
उन्होंने कहा, छापेमारी लोगों को परेशान करने का एक बहाना है। उन्हें (ईडी) तलाशी के दौरान कुछ नहीं मिला। उन्हें ऊपर से आदेश मिला है...मुझे लगता है कि इस देश में सच बोलना और गरीबों के लिए राजनीति करना पाप है। उन्होंने आगे कहा कि एजेंसी द्वारा की गई ये कार्रवाई आम आदमी पार्टी को खत्म करने का प्रयास है। उन्होंने कहा, ईडी जिस कस्टम केस की बात कर रही है, वह बीस साल पुराना है। ये लोग आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, ये चाहते हैं कि काम की राजनीति न हो।
ईडी के अधिकारी कल सुबह करीब साढ़े सात बजे सिविल लाइंस इलाके में आनंद के आवास पर गये। आनंद के खिलाफ जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के अनुसार की जा रही है। ईडी की जांच अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन के अलावा ₹7 करोड़ से अधिक की सीमा शुल्क चोरी के लिए आयात में झूठी घोषणाओं के आरोप में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा दायर आरोप पत्र से शुरू हुई है।
एक स्थानीय अदालत ने हाल ही में डीआरआई अभियोजन शिकायत पर संज्ञान लिया जिसके बाद ईडी ने आनंद और कुछ अन्य के खिलाफ पीएमएलए मामला दर्ज किया।
आनंद पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आप के वरिष्ठ नेताओं की लंबी सूची में शामिल हो गए हैं, जो विभिन्न मामलों में केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। अन्नाद को पिछले साल नवंबर में दिल्ली कैबिनेट में शामिल किया गया था। 57 वर्षीय अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में सामाजिक कल्याण और एससी/एसटी कल्याण मंत्री हैं। वह पटेल नगर से विधायक हैं।