जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी हमास के समर्थन में खुलकर बयान देते नजर आ रहे हैं। उन्होंने हमास को दहशतगर्दों से मुकाबला करने वाला करार दिया है। जब उनसे पूछा गया कि हमास को लेकर कहा जा रहा है कि वो एक दहशतगर्द तंजीम है। इस सवाल के जवाब में मदनी ने कहा कि दहशतगर्द आप कह रहे हैं। अपने हक के लिए जान देने के लिए आज दुनिया के अंदर कोई ताकत ऐसी नहीं है। जैसे उन्होंने अपने सिर से कफन बांध कर एक बड़ी ताकत के साथ लड़ रहे हैं। इजरायल की सूरत ये है कि दुनिया का जो अस्ला अमरीका के पास है वो इजरायल के पास भी है। दुनिया ने देखा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति आकर हाथ मिला रहे हैं। अमेरिका खुलकर कह रहा है कि हम तुम्हारे साथ हैं।
मदनी ने कहा कि इसके बावजूद जो निहत्थी ताकत अपने सिर पर कफन बांध कर आएं हैं। उसे दहशतगर्द कैसे कह सकते हैं। जमीन उनकी है। वो बस रहे हैं। इजरायल ने उनको अपना गुलाम बना रखा है। सुबह को जाते हैं, शाम को जो कमा कर आते हैं वो अपने बच्चों को खिलाते हैं। इस माहौल के अंदर उन्होंने जंग की है। अपने सिर पर कफन बांधा है, ये दहशतगर्द नहीं है। ये दहशतगर्दों से अपना हक छीनने वाले हैं।
इसके अलावा जमीयत चीफ ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जो ट्वीट हमास के हमले के बाद किया, उसे हम सही नहीं मानते। हालांकि बाद में उन्हें एहसास हुआ कि ठीक नहीं हुआ और उन्होंने फिलिस्तीन को लेकर भी बाते कहीं। बता दें कि हमास के आतंकवादियों के साथ लड़ रहे इजराइली सुरक्षा बलों ने गाजा सिटी की घेराबंदी करने के बीच युद्ध में मारे गए फलस्तीनी नागरिकों की संख्या बढ़कर 9,000 हो गई। अमेरिका और अरब के नेताओं ने इजराइल पर गाजा की घेराबंदी में ढील देने और नागरिकों की मदद के लिए कम से कम कुछ समय के लिए युद्ध में विराम देने का दबाव बढ़ाया है। हमास के भीषण हमले के करीब चार हफ्ते बाद इजराइल का हमास आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध जारी है।