नई दिल्ली: पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ को नेस्तनाबूद करने के लिए सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. इसके तहत खैबर पख्तूनवा प्रांत के कोरोना फंड में दो अरब रुपये के कथित भ्रष्टाचार मामले में इमरान खान की पार्टी के पूर्व प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री तैमूर सलीम झागरा को नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो ने नोटिस भेजकर उन्हें पेश होने के लिए कहा है. इमरान खान की पार्टी की एक दूसरे नेता कामरान बंगश के खिलाफ डेरा इस्माइल खान में राज्य और सेना के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.
चुनाव से पहले सरकार का दांव
जैसे-जैसे पाकिस्तान में चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं उतनी तेजी से सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीके इंसाफ के नेताओं को तोड़ने के लिए दांव पेच चल रही है. इसके तहत खैबर पख्तूनवा प्रांत में कोरोना काल के समय में हुए कथित दो अरब रुपये के घोटाले मामले में इमरान खान की पार्टी के तत्कालीन प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री को नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो ने 31 अक्टूबर यानी आज पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है. तैमूर सलीम के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी नेशनल जवाबदेही ब्यूरो ने नोटिस जारी किया है. इस मामले में आरोप लगाया गया है कि कोरोना काल के समय में जो फंड कॉविड-19 की रोकथाम के लिए सामान आदि खरीदने के लिए दिया गया था उसमें 2 अरब रुपये का घोटाला हुआ.
नेशनल जवाबदेही ब्यूरो के सामने होगी पेशी
तैमूर सलीम को भेजे नोटिस में कहा गया है कि उनके पास इस बारे में जो सूचना या सबूत मौजूद हैं उन्हें लेकर वे नेशनल जवाबदेही ब्यूरो के सामने पेशावर में आज पेश हों. इसके साथ ही उन्हें एक प्रश्नावली भी भेजी गई है जिसका उन्हें जवाब भी देना है. दिलचस्प यह भी है कि इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि वे नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो के सामने पेश नहीं होंगे तो उनके खिलाफ कानून के मुताबिक वारंट जारी कराया जाएगा. यानी सीधे तौर पर उन्हें गिरफ्तारी की धमकी दी गई है.
कामरान बंगश पर लोगों को भड़काने का आरोप
दूसरी तरफ पाकिस्तान सरकार ने तहरीक-ए- इंसाफ के पूर्व प्रांतीय मंत्री कामरान बंगश के खिलाफ डेरा इस्माइल खान में राज्य और सेना के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. कामरान पहले से ही जेल में बंद हैं. नया मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्हें पेशावर सेंट्रल जेल से डेरा इस्माइल खान जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां उनसे इस मुकदमे की बाबत पूछताछ की जाएगी.
ध्यान रहे कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में जल्द से जल्द चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं और उसके आधार पर पाकिस्तान चुनाव आयोग ने जनवरी-फरवरी महीने में चुनाव कराने के लिए कहा है. जिसके बाद से पाकिस्तान सरकार लगातार इमरान खान की पार्टी के नेताओं को तोड़ रही है. इसी के तहत उसके दो बड़े नेताओं पर यह कार्रवाई की गई है.