नई दिल्ली: जापान की सरकार ने बीते दिनों निष्क्रिय फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में ट्रीटमेंट के बाद निकले पानी को समुद्र में छोड़े दिया था. जिसे देखते हुए चीन सरकार ने जापान के सी फूड (समुद्री भोजन) पर बैन लगा दिया. चीन के इस कदम से जापान की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ा. जापान को इस मुश्किल से निकालने के लिए अब उसका जिगरी दोस्त अमेरिका आगे आ गया है. अमेरिका ने इस रीजन में अपनी सेना को आपूर्ति करने के लिए जापानी समुद्री भोजन की थोक खरीद शुरू कर दी है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में इस पहल का खुलासा करते हुए, जापान में अमेरिकी राजदूत रहम एमानुएल ने चीन के इस कदम को आर्थिक युद्ध करार देते हुए कहा कि वाशिंगटन को इस पर भी अधिक व्यापक रूप से विचार करना चाहिए कि वो चीन के प्रतिबंध को खत्म करने में कैसे मदद कर सकता है. चीन हमेशा से ही जापानी सी फूड का सबसे बड़ा खरीदार रहा है. जापान के सी फूड पर बैन लगाते हुए चीन की तरफ से कहा गया कि खाद्य सुरक्षा डर के कारण उन्होंने ये कदम उठाया है.
यूएन ने दिया सिक्योरिटी सर्टिफिकेट
संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानीकर्ता ने 2011 की सुनामी से नष्ट हुए संयंत्र से अगस्त में निकाले गए पानी की सुरक्षा की गारंटी दी. जी7 के व्यापार मंत्रियों ने रविवार को जापानी भोजन पर लगे प्रतिबंध को तत्काल रद्द करने का आह्वान किया. इमानुएल ने कहा, “यह अमेरिकी सशस्त्र बलों और यहां जापान में मछली पालन और सहकारी समितियों के बीच एक दीर्घकालिक अनुबंध होने जा रहा है.” उन्होंने कहा, “सभी मामलों में हमने चीन की आर्थिक जबरदस्ती को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका लक्षित देश या उद्योग की सहायता करके दिया है.”
चीन का जवाब
एक संवाददाता सम्मेलन में इमैनुएल की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, “राजनयिकों की जिम्मेदारी दूसरे देशों पर कीचड़ उछालने और परेशानी पैदा करने की बजाय देशों के बीच दोस्ती को बढ़ावा देना है.”