CM योगी के मंच पर सांसदों-विधायकों की No Entry ? Inside Story सीएम के प्रोग्राम की

CM योगी के मंच पर सांसदों-विधायकों की No Entry ? Inside Story सीएम के प्रोग्राम की

आने वाली 2 नवम्बर यानि कि करवाचौथ के ठीक अगले दिन सीएम योगी आदित्यनाथ हरदोई के शाहाबाद में आने को हैं नारी वंदन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए । संगठन के मुखिया के तुरंत बाद ही सरकार के मुखिया का शाहाबाद आना महत्वपूर्ण संदेश तो छोड़ ही रहा है पर जिले की दोनों महिला विधायकों को छोड़कर अन्य सभी विधायकों और सांसदों में घनघोर संशय है कि उन्हें सीएम योगी के साथ मंच साझा करने का मौका मिलेगा भी या नही । संशय का कारण ये है कि उसी दिन , उसी समय के आस पास लखनऊ में होना है दलित सम्मेलन और हमारे ख़ंजर सूत्र कहते हैं कि सभी विधायकों को कम से कम दो दो हजार दलित लेकर पहुंचना है लखनऊ , ऐसे में उन्हें गुप्त संदेश भेजा गया है कि सीएम के कार्यक्रम में शामिल होने का मोह त्यागकर वो अपना पूरा ध्यान संधान अपनी विधानसभा के दलितों को ससम्मान राजधानी लेकर पहुंचे । 

खंज़र सूत्रों के मुताबिक सीएम योगी के साथ मंच पर मंत्री रजनी तिवारी , विधायक सण्डीला अलका अर्कवंशी , जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमावती , महिला मोर्चा अध्यक्ष अलका गुप्ता रहेगीं । एक दिलचस्प बात ये भी सामने आई है कि मंच संचालन का जिम्मा महिला मोर्चा अध्यक्ष को सौंपने की योजना बनाई गयी है जिसके लिए महिला मोर्चा अध्यक्ष असहज हो रही हैं । मंच पर मुख्यमंत्री और सामने हजारों की भीड़ वो भी महिलाओं की , ऐसे में पार्टी के जिम्मेदार महिला मोर्चा अध्यक्ष को ट्रैनिंग देने और प्रोत्साहित करने में लग गए हैं ।

इस कार्यक्रम में कुछ योजनाओं - परियोजनाओं का शिलान्यास - लोकार्पण करवाने की भी योजना है और वो योजनाएं - परियोजनाएं क्या होंगी ये मंत्री जी और डीएम साहब के अलावा फिलहाल कोई नही जान पा रहा । मामला गुप्त रखा गया है । 

कार्यक्रम हालांकि सरकारी है और सभी जिम्मेदारियों का जिम्मेदार प्रशासन ही है पर चूंकि कार्यक्रम स्थल उधरनपुर है , विधानसभा शाहाबाद है और शो मंत्री रजनी तिवारी का ही माना जा रहा है तो खटोला बिछा कर ब्लॉक प्रमुख शाहाबाद त्रिपुरेश मिश्रा जमे हैं दिन रात वहां , वहीं भौरियाँ बन रही हैं । 

खंज़र सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि सीएम का ये प्रोग्राम शाहाबाद में न होकर पहले वहाँ फिर शाहाबाद छोड़कर कहीं भी हो जाये । सण्डीला ही हो जाये , वहां भी तो महिला विधायक हैं ऐसे तर्क खड़े कर , ऐसा करने के प्रयास किये गए भरपूर पर 15 दिनों के अंदर प्रदेश संगठन मुखिया और सरकार के मुखिया दोनो को अपनी विधानसभा में बुलाकर मंत्री रजनी तिवारी ये मैसेज देने में कामयाब रही हैं कि ऊपर उनका मामला ऊंचा है ।

(अभिनव द्विवेदी)



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