नई दिल्ली: वर्ल्डकप 2023 (World Cup 2023) में गत विजेता इंग्लैंड की टीम (England Team) का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है.जोस बटलर (Jos Buttler) की टीम ने टूर्नामेंट में खिताब के प्रबल दावेदार के तौर पर ‘एंट्री’ मारी थी लेकिन टीम के खाते में एक के बाद एक हार आ रही है और सेमीफाइनल की रेस से वह बाहर हो चुकी है. हालत यह है कि छह मैचों में इस टीम के एक जीत के साथ महज दो अंक हैं और अंकतालिका में वह सबसे आखिरी स्थान पर है. इंग्लैंड को अब तक एकमात्र जीत बांग्लादेश की टीम के खिलाफ मिली है जबकि न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और भारत के अलावा श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीमों के खिलाफ उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है.
बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों ही क्षेत्रों में टीम का प्रदर्शन बिखरा रहा है और ऐसा लग रहा है कि कप्तान के तौर पर जोस बटलर, प्लेयर्स में प्रेरणा नहीं भर पा रहे हैं. वैसे तो गत चैंपियन के इस खराब प्रदर्शन के लिए हर खिलाड़ी जिम्मेदार है लेकिन पिछले वर्ल्डकप में बढ़-चढ़कर योगदान देने वाले बेन स्टोक्स और जोस बटलर का लचर प्रदर्शन इंग्लैंड टीम को बेहद भारी पड़ा है.
स्टोक्स की बात करें तो वर्ल्डकप 2029 में तो वे फाइनल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे और न्यूजीलैंड के खिलाफ उनकी नाबाद 84 रन की पारी ने ही टीम की चैंपियन बनने की राह बनाई थी. स्टोक्स के ऊपर तो इंग्लैंड टीम प्रबंधन का इस कदर भरोसा था कि पिछले साल वनडे क्रिकेट से संन्यास का ऐलान करने वाले इस हरफनमौला की वर्ल्डकप के लिए टीम में वापसी कराई गई लेकिन चोट से परेशान स्टोक्स अब तक वर्ल्डकप में अपने पिछले जबर्दस्त प्रदर्शन की छाया ही नजर आए हैं. अपना दूसरा वर्ल्डकप खेल रहे स्टोक्स ने WC 2029 के 11 मैचों में 66.42 के औसत से 465 रन (स्ट्राइक रेट 93.18) थे, इस दौरान 89 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा था. यही नहीं, अपनी तेज गेंदबाजी से पिछले वर्ल्डकप में उन्होंने 35.14 के औसत से सात विकेट भी लिए थे.
मौजूदा वर्ल्डकप की बात करें तो स्टोक्स दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और भारत के खिलाफ मैच में ही खेल पाए हैं. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में वे 5 और भारत के खिलाफ मैच में 0 पर आउट हुए जबकि श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 43 रन बनाए थे. चोट के कारण गेंदबाज के तौर पर भी टीम को उनकी सेवाएं नहीं मिल पा रहीं. चूंकि इंग्लैंड टीम सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो चुकी है, ऐसे में उन्हें तीन मैच और खेलने का मौका ही मिल पाएगा.
कप्तान जोस बटलर से भी टीम को बहुत उम्मीद थीं. बटलर की छवि शॉर्टर फॉर्मेट के ऐसे बैटर की है जो अकेले दम पर मैच बदलने की क्षमता रखते हैं. ‘इनोवेटिव’ शॉट लगाने में उन्हें महारत है लेकिन इस वर्ल्डकप में उनके बल्ले से भी अब तक रन नहीं निकले हैं. बटलर अपना तीसरा वर्ल्डकप खेल रहे हैं. वर्ल्डकप 2019 में उन्होंने करीब 35 के औसत से 11 मैचों में 312 रन (स्ट्राइक रेट 122.83) बनाए थे जिसमें एक शतक शामिल था लेकिन मौजूदा वर्ल्डकप के छह मैचों में वे 17.50 के खराब औसत से 105 रन ही बना पाए हैं जिसमें 43 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है. स्वाभाविक रूप से अपने कप्तान बटलर और स्टोक्स जैसे दमदार खिलाड़ी से टीम को इतने कमजोर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी.