इजराइल-हमास जंग को लेकर जिस खेमेबंदी की बात की जा रही थी वो अब चरम पर है. एक गुट इजराइल के साथ है तो दूसरा हमास की मदद के लिए खुद को जंग में झोंकने के लिए तैयार है. जिसका नतीजा ये हुआ है कि इजरायल-हमास के बीच जंग अब पूरे अरब वर्ल्ड तक फैल चुकी है. मिडिल ईस्ट के कई देशों में बारूदी सनसनी मचने की आशंका बढ़ गई है.
दरअसल, मल्टी फ्रंट वॉर पर कुछ बड़े किरदार है तो कुछ बेहद छोटे से हैं. मगर बहुत घातक है. जी हां, एक तरफ गाजा पट्टी में बीते 22 दिनों से विनाशक तबाही तो जारी है मगर इसके साथ-साथ इजराइल पर कई फ्रंट से हमले में शुरू हो चुके हैं. लेबनान से हिज्बुल्लाह के लड़ाके इजराइल पर अटैक कर रहे हैं. वहीं सीरिया में ईरान समर्थित गुट इजराइल पर हमला कर रहे हैं. इसके अलावा सीरिया में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर अटैक जारी है. वहीं इराक में भी US मिलिट्री बेस पर हमले किए जा रहे हैं.
यानी इजराइल के साथ-साथ मिडिल ईस्ट में मौजूद अमेरिका के सैन्य अड्डे और एयरबेस को निशाना बनाया जा रहा है. दरअसल, इजराइल-हमास जंग में अमेरिकी दखलअंदाजी के चलते ईरान भड़का हुआ है. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि ईरान ने अमेरिका से सीधे युद्ध का ऐलान करते हुए युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है, जिसके चलते अमेरिका ने अरब में 900 नए सैनिकों की तैनाती कर दी है.
हिज्बुल्लाह ने भी सुरंगों का मकड़जाल बना रखा है
वैसे अगर जंग में सीधे तौर पर किसी ने एंट्री मारी है तो वो है लेबनान का हिज्बुल्लाह संगठन. दावा तो ये तक किया जा रहा है कि हमास की तरह हिज्बुल्लाह ने भी सुरंगों का मकड़जाल बना रखा है. हिज्बुल्लाह की ये टनल्स लेबनान से इजरायल बॉर्डर तक फैली हुई है. जिनमें हिज्बुल्लाह के 1 लाख से ज्यादा लड़ाके मौजूद है.
ईरान ने हिज्बुल्लाह को 358 मिसाइल दी
इसी बीच खबरें ये भी सामने आ रही है कि ईरान ने हिज्बुल्लाह को 358 मिसाइल दी है. जिसकी मदद से वो इजराइल के लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर को आसमान में ढेर कर सके क्योंकि 358 मिसाइल सरफेस टू एयर मिसाइल हैं, जो जमीन से आसमान की तरफ हमला करती हैं. यानी ईरानी हथियार के जरिए अब हिज्बुल्लाह इजरायल के आसामनी जंगबाजों को नेस्तनाबूद करेगा और इसके साथ ही इजरायल-हमास की जंग गाजा से निकलकर पूरे अरब में फैल जाएगी.