उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर के एक अस्पताल में बच्चों को कथित तौर पर एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने के मामले पर अब सियासत तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अब इस मामले में योगी सरकार को घेरा है. अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक पर भी सवाल किए हैं.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा- उप्र में संक्रमित ख़ून चढ़ाने से 14 बच्चों को HIV और हेपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है. इस लापरवाही की तत्काल जाँच हो और इस तरह की घातक गलती की सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए. उप्र में चिकित्सा व्यवस्था देखनेवाला कोई नहीं है.
इस मामले पर राज्य के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जाँच के निर्देश दिये हैं. सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ बच्चों और उनके परिजनों के साथ खड़ी है. निजी लैब से खून चढ़ाने की बात शुरुआती जांच में सामने आयी है. बाकी विस्तृत रिपोर्ट सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खरगे के बयान पर कहा कि उनसे निवेदन है कि ऐसे मामलों में राजनीतिक रोटियां न सेकें.
बता दें बुधवार को ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है.
उन्होंने कहा कि यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को HIV AIDS और हेपेटाइटिस B, C जैसी चिंताजनक बीमारियां हो गई हैं.
खरगे ने कहा- ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है. मासूम बच्चों को भाजपा सरकार के इस अक्षम्य अपराध की सजा भुगतनी पड़ रही है. मोदी जी कल हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी बातें सिखा रहे थे, क्या उन्होंने कभी अपनी भाजपा सरकारों की रत्ती भर भी जवाबदेही तय की है ?