राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार करते हुए, 2020 में उनकी सरकार गिराने के प्रयासों को याद किया और कहा कि जिन लोगों ने यह कोशिश की उन्हें नहीं पता था कि उनका पाला किससे पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तीन बार राज्य का मुख्यमंत्री रहा हूं। मैंने ये तीनों कार्यकाल पूरे किये हैं, जो कि एक बड़ी चीज है।’’ गहलोत ने कहा, ‘‘यह केवल इन तीनों कार्यकाल को पूरा करने के बारे में नहीं है...उन्होंने इस बार मेरी सरकार गिराने की कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे। उन्होंने सोचा कि वे लोग यहां भी सफल हो जाएंगे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका पाला किससे पड़ा है।’’
कांग्रेस नेता ने अपने निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा में दूसरे दिन चुनाव प्रचार करते हुए यह कहा। उन्होंने रोड शो किया और विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों में नुक्कड़ सभाएं भी कीं। गहलोत के खिलाफ तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों ने जुलाई 2020 में बगावत कर दी थी। महीने भर जारी रहा संकट पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद खत्म हुआ था।
पायलट को तब उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई अध्यक्ष पदों से हटा दिया गया था। तब से गहलोत-पायलट संबंध तनावपूर्ण रहे हैं और दोनों नेताओं को एक-दूसरे पर खुल कर निशाना साधते देखने को मिला है, जबकि पार्टी ने 25 नवंबर के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में अपनी एकजुटता प्रदर्शित की है।
गहलोत ने लोगों का आभार जताया और आगामी चुनाव के लिए उनका आशीर्वाद मांगा। मंगलवार को उन्होंने मंदोर में चुनाव प्रचार किया, जो माली समुदाय बहुल इलाका है।
माली समुदाय से आने वाले गहलोत समुदाय द्वारा आयोजित एक अभिनंदन कार्यक्रम में भी शरीक हुए, जिसमें 386 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। गहलोत ने विभिन्न सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनका कर्तव्य है कि वह टिकट मिलने के तुरंत बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र में आएं और उन्हें अपना अभार जताएं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपने हमेशा ही मुझे आशीर्वाद दिया है। इसलिए पहले आपके पास आना मेरा कर्तव्य था। अब, आपकी अनुमति से मैं शेष 199 सीट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए रवाना होउंगा।