त्योहारी सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियों की बल्ले बल्ले हो रखी है क्योंकि समय के साथ तेजी से कदम बढ़ाते हुए पूरा इंडिया अब डिजिटल हो चला है और बड़े शहर ही नहीं छोटे शहरों, कस्बों, गांवों और यहां तक कि सीमा के पास मौजूद गांवों तक के लोग ऑनलाइन शॉपिंग का लाभ उठा रहे हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों की बिग बिलियन सेल का फायदा उठाने के लिए इस बार बड़ी संख्या में सीमाई गांवों के लोग जिस तरह आगे आ रहे हैं वह बढ़ते और बदलते भारत को दर्शाता है। हम आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में हयुलियांग, पश्चिम बंगाल में हरोआ, लद्दाख में चोगलामसर और राजस्थान में पाकिस्तान सीमा के पास लोंगेवाला और तनोट उन छोटे शहरों या गांवों में शुमार हैं जो त्योहारों पर चल रही ऑनलाइन शॉपिंग के उत्सव में बढ़-चढ़कर शरीक हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी Flipkart, Amazon और Meesho जैसे शॉपिंग मंचों पर जमकर ऑर्डर दे रहे हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों का कहना है कि इस बार गुजरात के कच्छ, मणिपुर के चुराचांदपुर, जम्मू और कश्मीर के पुंछ और महाराष्ट्र के शिरवाल के लोगों ने भी ऑनलाइन खरीदारी की और इन इलाकों में उत्पाद पहुँचा कर उन्हें भी खुशी हुई। देखा जाये तो मोदी सरकार ने जिस तरह वाइब्रेंट विलेज अभियान के जरिये किये जा रहे विकास के तहत सीमाई गांवों में संचार और संपर्क की सुविधा का विस्तार किया है उससे इन क्षेत्रों के लोगों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग कर पाना आसान हुआ है।
हम आपको बता दें कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर होने वाली बिक्री का सर्वाधिक आंकड़ा इस समय छोटे शहरों और कस्बों से ही आ रहा है इसलिए कंपनियां भी यहां पर अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत कर रही हैं और डिलीवरी नेटवर्क को फैला रही हैं। कई कंपनियों ने स्थानीय स्तर पर दुकानदारों के साथ करार भी किये हैं जिससे लोगों को फायदा हो रहा है। जैसे फ्लिपकार्ट देश भर में डिलीवरी को जल्द और आसान बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर किराना स्टोर मालिकों के साथ साझेदारी करता है। स्थानीय स्तर के किराना स्टोर उस क्षेत्र के रास्तों के बारे में बेहतर जानकारी रखते हैं और जल्द से जल्द ग्राहक तक सामान पहुँचा सकते हैं। इसी प्रकार अमेजन ने भी जगह-जगह अपने वेयरहाउस बनाये हैं ताकि जल्द से जल्द सामान की डिलीवरी की जा सके।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ई-कॉमर्स कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि किसी भी उत्पाद की विस्तृत श्रृंखला, तमाम तरह के ब्रांडेड सामान की उपलब्धता और होम डिलीवरी की सुविधा के कारण उपभोक्ता ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं। रिपोर्टों के मुताबिक मिंत्रा को इस त्योहारी सीजन में 40% से अधिक ऑर्डर टियर-2 शहरों या छोटे शहरों से आये हैं। इसी प्रकार मीशो को 60% ऑर्डर टियर तीन और चार शहरों से आए हैं। रिपोर्टों के मुताबिक 8 अक्टूबर को शुरू हुई त्योहारी सेल के पहले 48 घंटों के दौरान अमेज़न को गैर-मेट्रो शहरों से 80% से अधिक ग्राहक मिले। इस अवधि के दौरान प्लेटफ़ॉर्म पर बेचे गए सभी स्मार्टफोन में से 75% छोटे शहरों और कस्बों के ग्राहकों ने खरीदे। फ्लिपकार्ट ने भी दावा किया है कि बिग बिलियन डेज़ के दौरान उसके 63% ऑर्डर छोटे शहरों से आए। फ्लिपकार्ट ने यह भी कहा है कि सेल के पिछले संस्करणों की तुलना में इस वर्ष महिलाओं की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है।
ई-कॉमर्स वेबसाइटों के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच ग्राहकों को ऑनलाइन खरीदारी की सुविधा दे रही है। इसके अलावा डिजिटल भुगतान सेवा का उपयोग करना सबको भा रहा है और सामान की डिलिवरी के बाद भुगतान का विकल्प भी होने से ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग को तरजीह दे रहे हैं। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों ने सामान के वितरण की सेवा में बड़ा सुधार किया है जिससे ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले ग्राहक जब अपना रिव्यू लिखते हैं तो उसे पढ़कर भी दूसरे लोग प्रेरित होते हैं। इसके अलावा स्थानीय दुकानों पर चूंकि उत्पादों की विविधता की कमी होती है और ऑनलाइन मंच पर इसकी भरमार होती है इसलिए भी लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। देखा जाये तो ऑनलाइन शॉपिंग का बढ़ता प्रसार विभिन्न ब्रांडों की देशव्यापी पहुँच को भी आसान बना रहा है। साथ ही इसके जरिये वोकल फॉर लोकल अभियान को भी बढ़ावा मिल रहा है। ई-कॉमर्स कंपनियों ने बड़ी संख्या में स्थानीय दुकानदारों और तमाम तरह के उत्पाद निर्माताओं को अपने मंच से जोड़कर जहां उनके लिए बाजार उपलब्ध कराया है वहीं ग्राहकों को उनकी जरूरत और पसंद का सामान सिर्फ एक क्लिक पर उपलब्ध करा दिया है। बहरहाल, इस सफलता को देखकर ई-कॉमर्स कंपनियों का दावा है कि जल्द ही वह दिन आयेगा जब देश के हर गांव में ऑनलाइन शॉपिंग हो रही होगी।