New DeLHI: आने वाला है चक्रवात तेज, मुंबई में होगा तबाही का मंजर, अरब सागर में आहट, IMD का अलर्ट जारी

New DeLHI: आने वाला है चक्रवात तेज, मुंबई में होगा तबाही का मंजर, अरब सागर में आहट, IMD का अलर्ट जारी

अरब सागर से चले चक्रवात तेज के कारण मौसम विभाग अलर्ट पर आ गया है। भारतीय मौसम विभाग ने अरब सागर में विकसित होने वाले इस संभावित तूफान के मद्देनजर महाराष्ट्र शहर में मौसम परिवर्तन को लेकर भी चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने मौसम का अपडेट भी किया है, जिसमें संभावना जताई गई है ये चक्रवात कई शहरों को प्रभावित कर सकता है। तूफान के कारण महाराष्ट्र और खास तौर से मुंबई के लिए चेतावनी जारी हुई है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने चक्रवात के संबंध में शुक्रवार को बताया कि दक्षिण पूर्व और दक्षिण पश्चिम अरब सागर के ऊपर दबाव का क्षेत्र बना है। इससे 21 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान बन जाएगा। बता दें कि इस वर्ष अरब सागर में बनने वाला ये दूसरा तूफान है। इस तूफान को तेज नाम दिया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान के रविवार को गंभीर तूफान में बदलने का अनुमान है। 

गुजरात में नहीं होगा असर

इस चक्रवाती तूफान को लेकर आईएमडी ने एक और अपडेट दिया है जिसके मुताबिक अरब सागर में उठ रहा ये तूफान गुजरात पर कोई असर नहीं करेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। हालांकि मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि तूफान आने वाले दिनों में भयंकर तूफान का रूप ले सकता है। संभवत: रविवार तक तूफान भयंकर रूप में आ जाएगा। ओमान के दक्षिणी तटों एवं निकटवर्ती यमन की ओर बढ़ सकता है।  

हालांकि कभी-कभी चक्रवात अपना रास्ता बदल भी लेते हैं। यहां मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, ‘‘ 22 अक्टूबर की शाम तक इसके भयंकर चक्रवाती तूफान का शक्ल लेने तथा दक्षिणी ओमान एवं यमन तट की ओर बढ़ने की आशंका है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चुंकि चक्रवात पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगा, ऐसे में उसका गुजरात (जो पश्चिम में है) पर कोई असर नहीं पड़ सकता है। अगले सात दिनों तक गुजरात में मौसम शुष्क रहेगा।’’ राज्य के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा कि फिलहाल कोई खतरा नहीं है। जून में अरब सागर से उठे बिपरजॉय तूफान ने गुजरात में कच्छ तथा सौराष्ट्र के कई क्षेत्रों में भयंकर तबाही मचायी थी। पहले यह पश्चिम की ओर बढ़ रहा था लेकिन बाद में उसने दिशा बदली तथा कच्छ तट से जा टकराया। 

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