भारत और कनाडा के बीच के राजनयिक संबंध अपने सबसे निचले दौर पर है. भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को वापस स्वदेश लौटने को कहा और उनके विशेषाधिकार भी खत्म कर दिए. इस पर वहां की विदेश मंत्री ने भारत की आलोचना की, इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपना बयान जारी कर कहा, उन्होंने जो किया है वो वियना संधि को ध्यान में रखकर किया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, कनाडा कह रहा है कि हमने वियना संधि का उल्लंघन किया है. ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. हमने जो कदम उठाए हैं वो कदम वियना संधि के आर्टिकल 11.1 के मुताबिक हैं. विदेश मंत्रालय का ये बयान कनाडा की विदेश मंत्री मेलेन जोली के बयान के बाद आया है.
क्या बोलीं कनाडा की विदेश मंत्री?
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा, उनके देश के 41 राजनयिकों को मिली छूट वापस लेने की भारत की धमकी के बाद उन राजनयिकों और उनके परिवारों को वापस बुला लिया गया है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि 45 वर्षीय खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संलिप्तता की संभावना है. भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था. भारत ने इन आरोपों को लेकर नाराजगी जताई थी और इनको बेतुका और निजी स्वार्थ से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया.
भारत ने एक महीने पहले ही दे दिया था नोटिस
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि समानता लाने के भारत के निर्णय के बारे में लगभग एक महीने पहले कनाडा को अवगत कराया गया था और इसे लागू करने की तारीख 10 अक्टूबर थी, लेकिन इसे 20 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था क्योंकि समानता लागू करने के तौर-तरीकों पर कनाडाई पक्ष से परामर्श से काम किया जा रहा था. एक सूत्र ने कहा, ‘बेंगलुरु, मुंबई और चंडीगढ़ में कनाडा के वाणिज्य दूतावासों में राजनयिक संख्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. भारत में अपने तीन वाणिज्य दूतावासों में कामकाज रोकने का कनाडा का फैसला एकपक्षीय है और समानता के क्रियान्वयन से संबंधित है.’