इफ्तार पार्टी में बेइज्जती का बदला लेने के लिए किया था 3 मासूमों को अगवा, रोने लगे तो मार दी थी गोली, 3 साल बाद तीनों को मिली फांसी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन साल पहले तीन मासूमों की गोली मारकर हत्या के मामले में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. आरोप है कि तीनों आरोपी बिना न्यौते के इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे. जहां से उन्हें भगा दिया गया था. इस बेइज्जती का बदला लेने के लिए आरोपियों ने तीन मासूम बच्चों को अगवा कर लिया.
वहीं जब बच्चे रोने चिल्लाने लगे तो आरोपियों ने इन बच्चों को गोली मार दी थी. साल 2019 के बहुचर्चित मामले में पुलिस ने उसी समय आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम डा.मनुकालिया की कोर्ट में हुई. जहां अदालत ने प्राप्त सबूतों और तथ्यों के आधार पर तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने तीनों पर पौने दो लाख रुपये का अलग अलग जुर्माना भी लगाया है.
केस डायरी के मुताबिक मृत बच्चों में दो चचेरी बहनें थी, जबकि तीसरा बच्चा इनकी बुआ का बेटा था. आरोपियों ने इन तीनों की हत्या के बाद इनके शव को ट्यूबवेल की हौदी में फेंक दिया था. अगले दिन मामले का खुलासा होने के बाद तीनों आरोपियों बिलाल पुत्र असलम उर्फ रहमत अली, सलमान पुत्र डा.अलीमुद्दीन निवासी गांव जलीलपुर और इमरान उर्फ गूंगा पुत्र असगर निवासी गांव मिर्जापुर के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने अरेस्ट किया था.
2019 की है वारदात
सरकारी वकील विजय शर्मा के मुताबिक यह वारदात 24 मई 2019 की है. आरोपियों ने मेरठ के फैसलाबाद क्षेत्र से इन बच्चों को अगवा किया था. उस समय यह बच्चे अपने घर के बाहर खेल रहे थे. बच्चों के लापता होने के बाद उनके परिजन पूरी रात इधर से उधर तलाशते रहे. इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई.
वहीं अगले दिन धतूरी गांव के एक टयूबवेल की हौदी में तीनों बच्चों के शव मिले थे. पुलिस ने इस मामले में नामजद आरोपियों के अलावा वारदात की साजिश रचने के आरोप में एक अन्य आरोपी साजिद पुत्र साबू निवासी मोहल्ला कोट को भी गिरफ्तार किया था. हालांकि साजिद बाद में सबूतों के अभाव में बरी हो गया. वहीं बाकी तीन आरोपियों को अदालत ने दोषी करार देते हुए अब फांसी की सजा सुनाई है.