New Delhi: द. अफ्रीका को अपनों ने लूटा, भारत को WC जिताने वाले का भी मिला साथ, कैसे कुक ने दिलाई नीदरलैंड्स को जीत, जानें

New Delhi: द. अफ्रीका को अपनों ने लूटा, भारत को WC जिताने वाले का भी मिला साथ, कैसे कुक ने दिलाई नीदरलैंड्स को जीत, जानें

नई दिल्ली: वर्ल्ड कप 2023 में मंगलवार को धर्मशाला में नीदरलैंड्स और दक्षिण अफ्रीका की टक्कर हुई थी. डच टीम ने विश्व कप के इतिहास का सबसे बड़ा उलटफेर करते हुए दक्षिण अफ्रीका को हरा दिया. दक्षिण अफ्रीका को अपनों के कारण ही ये शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा. अब आप सोच में पड़ गए होंगे कि साउथ अफ्रीका को अपनों के कारण क्यों हार झेलनी पड़ी. तो इसके लिए ज्यादा दिमाग पर जोर देने की जरूरत नहीं. नीदरलैंड्स के कोच रयान कुक का जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ है और वो वो दक्षिण अफ्रीका की अंडर-19 टीम के असिस्टेंट कोच रह चुके हैं और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में ऐज ग्रुप क्रिकेट भी खेला है. इतना ही नहीं, कुक के पिता जिमी और बड़े भाई स्टीफन तो दक्षिण अफ्रीका की तरफ से क्रिकेट खेल चुके हैं. अब तो आपको समझ आ गया होगा कि दक्षिण अफ्रीका को अपनों ने कैसे लूटा?

वैसे, नीदरलैंड्स के कोच के रूप में रयान कुक का आगाज अच्छा नहीं रहा. बतौर कोच जून 2022 में अपने पहले मैच में उनका सामना इंग्लैंड की मजबूत टीम से था और इंग्लैंड ने भी नीदरलैंड्स के खिलाफ कोई रहम नहीं दिखाई थी और 4 विकेट के नुकसान पर 498 रन का पहाड़ खड़ा कर दिया था. ये वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर था. हालांकि, शुरुआती झटकों के बाद हालात बदले और नीदरलैंड्स की टीम ने विपक्षी के खिलाफ कड़ा संघर्ष करना शुरू किया. इसका सबूत है पाकिस्तान के खिलाफ पिछले साल खेली गई घरेलू वनडे सीरीज. उस सीरीज के दो मैच नीदरलैंड्स ने 9 और 17 रन के अंतर से गंवाए थे.

रयान कुक ने गैरी कर्स्टन की मदद ली

इसके बाद नीदरलैंड्स के कोच रयान कुक ने टीम इंडिया को 2011 में वर्ल्ड कप जिताने वाले कोच गैरी कर्स्टन की मदद ली, और उनका कोचिंग फॉर्मूला अपनाया और धीरे-धीरे नतीजे आने लगे. पहले नीदरलैंड्स ने टी20 वर्ल्ड कप 2022 में जिम्बाब्वे और दक्षिण अफ्रीका को हराया. इसके बाद इस साल जिम्बाब्वे में खेले गए वर्ल्ड कप क्वालिफायर में दमदार खेल दिखाया और दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच टाई कराने के बाद सुपर ओवर में जीत दर्ज की और वर्ल्ड कप 2023 का टिकट कटाया.

कोच कुक ने कैसे तैयार की नीदरलैंड की टीम?

रयान कुक ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बतौर कोच अपनी सफलता की कहानी साझा की. कुक ने बताया, “इसकी शुरुआत 2013 में हुई थी. तब मैं पहली दक्षिण अफ्रीका की अंडर-19 टीम का असिस्टेंट कोच बनकर भारत दौरे पर गया था. उस समय मैंने गैरी कर्स्टन से मदद मांगी थी. उन्होंने मुझे भारत के सभी वेन्यू और कंडीशंस से जुड़ी बारीक बातें बताई थीं. तब गैरी ने मुझे बताया था कि क्रिकेट टीम गेम है और आपको किसी भी मुकाबले को जीतने के लिए सभी 11 खिलाड़ियों का योगदान चाहिए. इक्का-दुक्का प्लेयर्स के प्रदर्शन से कुछ नहीं होगा. मैंने इसी मंत्र को अपना लिया और नीदरलैंड्स की टीम को इसी बुनियाद पर तैयार किया.

कर्स्टन ने नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों को दिए थे टिप्स

इस साल विश्व कप क्वालिफायर से पहले भी कुक ने केपटाउन में ही टीम का मेंटल कंडीशनिंग कैंप लगाया था. इसमें भी गैरी कर्स्टन ने नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों को टिप्स दिए थे और मेंटल हेल्थ की अहमियत बताई थी.

नीदरलैंड्स ने पहले दो मैच हारे थे

नीदरलैंड्स की टीम विश्व कप के लिए दो हफ्ते पहले ही भारत आ गई थी. कर्नाटक के खिलाफ डच टीम ने तीन प्रैक्टिस मैच भी खेले लेकिन प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वॉर्म अप मैच भी बारिश में धुल गया था और विश्व कप के पहले दो मैच में भी हार मिली थी. इसके बावजूद नीदरलैंड्स ने पलटवार किया.

कुक ने कहा कि इस विश्व कप में हमारा एक ही लक्ष्य है. हम दुनिया की बड़ी टीमों से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं और कम से कम 3 से चार मैच जीतना चाहते हैं.

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