नई दिल्ली: वर्ल्डकप 2023 (World Cup 2023) में पहला बड़ा उलटफेर दर्ज हुआ और गत विजेता इंग्लैंड को हशमतुल्लाह शाहिदी के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान टीम के (Afghanistan vs England) हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है. वर्ल्डकप 2023 का यह पहला बड़ा उलटफेर है. अफगानिस्तान टीम के प्लेयर्स के कौशल को लेकर कभी किसी को संदेह नहीं रहा. समस्या केवल यह थी कि यह खिलाड़ियों का यह निजी प्रदर्शन जीत में कन्वर्ट नहीं हो पा रहा था. भारत के खिलाफ मैच में भी यह टीम 250 से अधिक का स्कोर बनाने में सफल रही थी लेकिन रोहित शर्मा रूपी ‘तूफानी’ के आगे इसकी गेंदबाजी बिखरकर रह गई थी.
बहरहाल, रविवार को दिल्ली में हुए इस मैच में अफगान गेंदबाजों ने यह सुनिश्चित किया कि बैटरों की मेहनत पर किसी भी तरह से पानी नहीं फिर पाए. इंग्लैंड के बेहतरीन आक्रमण के खिलाफ 284 रन का बड़ा स्कोर खड़ा करने के बाद अफगान ने अपने बेहतरीन स्पिनर्स के प्रदर्शन की दम पर इंग्लैंड के बैटरों को 215 पर ढेर कर दिया.
वर्ल्डकप में यह अफगान टीम की महज दूसरी जीत है, इससे पहले टीम ने 2015 में वर्ल्डकप में स्कॉटलैंड को हराया था. अफगानिस्तान ने 2015 से 2023 तक कुल 14 मैच गंवाए थे, अब जाकर उसके हिस्से में यह जीत आई है. अफगान टीम के लिए यह जीत देर से जरूर आई लेकिन इस प्रदर्शन से जबर्दस्त ‘लड़ाकू’ क्षमता दिखाने के लिए मशहूर अफगान टीम ने वर्ल्डकप 2023 की दूसरी टीमों के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है.
इंग्लैंड के लिहाज से बात करें तो उसका ‘घर का भेदी’ ही काफी हद तक टीम की हार का कारण बना. दक्षिण अफ्रीका में जन्मे और इंग्लैंड की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट खेले जोनाथन ट्रॉट (Jonathan Trott) अफगानिस्तान टीम के कोच हैं. हर कोई जानता है कि राशिद खान जैसे बेहतरीन रिस्ट स्पिनर वाली अफगान टीम को स्पिन आक्रमण मौजूदा समय में विश्व के सर्वश्रेष्ठ आक्रमण में से है.
टीम में राशिद का साथ देने के लिए मोहम्मद नबी और मुजीबुर रहमान जैसे बेहतरीन स्पिनर भी हैं. चूंकि बांग्लादेश और भारत की टीमें स्पिनर को बखूबी खेलने और इकने खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने में माहिर है, ऐसे में इन दोनों के खिलाफ अफगान टीम को हार का सामना करना पड़ा.
इंग्लैंड की ओर से ही क्रिकेट खेलने के कारण कोच ट्रॉट, बटलर की टीम की स्पिन के खिलाफ कमजोरी से वाकिफ हैं और उन्होंने इसी के जरिये विपक्षी टीम पर जीत दर्ज करने की रणनीति बुनी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रॉट का मंत्र इस मैच के लिए सीधा था. स्पिन के जरिये इंग्लैंड के शीर्ष क्रम पर दबाव बनाना. अफगान टीम के बैटरों ने टीम को 284 रन तक पहुंचाकर बड़ा काम किया, इसके बाद बारी गेंदबाजों की थी.इस योजना में स्पिनरों को फजलहक फारुखी और नवीन उल हक का भी अच्छा साथ मिला लेकिन यह स्पिनर ही थे जिन्होंने इंग्लैंड के किले में बड़ी सेंध लगाई
ट्रॉट की योजना को अमल में लाते हुए नबी ने डेविड मलान व सेम करेन और मुजीब उर रहमान ने जो रूट, हैरी ब्रूक व किस वोक्स के विकेट झटके जबकि राशिद के खाते में लिविंगस्टोन, आदिल राशिद और मार्क वुडके विकेट आए. स्पिन तिकड़ी ने विपक्षी बल्लेबाजों को लगातार शॉट खेलने के लिए ललचाया और चतुराई से उनका शिकार कर पाया.
स्पिनरों की तिकड़ी के आठ विकेट के जरिये अफगानिस्तान ने यह जीत दर्ज की जिसके लिए ट्रॉट तथा सपोर्ट स्टाफ की रणनीति भी पूरे श्रेय की हकदार है. ट्रॉट की बात करें तो 2007 से 2015 के बीच इंग्लैंड के लिए उन्होंने 52 टेस्ट, 68 वनडे और 7 टी20I खेले. टेस्ट में 44.08 के औसत से 3835, वनडे में 51.25 के औसत से 2819 और टी20 में 23 के औसत से 138 रन उनके नाम पर दर्ज हैं.