बेहद चर्चित निठारी कांड (नोएडा सिलसिलेवार हत्या मामले) में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस हत्याकांड से जुड़े दो मामलों की सुनवाई करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। इलाहबाद हाईकोर्ट ने मामले के मुख्य संदिग्ध सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने दो मामलों में दोनों दोषियों को निर्दोष बताते हुए बरी कर दिया है। इसके बाद दोनों की फांसी की सजा रद्द हो गई है। सभी 12 मामलों में सुरेंद्र कोली को ट्रायल कोर्ट द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी।
इस मामले के अन्य संदिग्ध मोनिंदर सिंह पंढेर को भी कोर्ट ने उन दो मामलों में बरी कर दिया है, जिनमें उसे ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके साथ, न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सैयद आफताब हुसैन रिजवी की पीठ ने पिछले महीने मामलों में फैसला सुरक्षित रखने के बाद पंढेर और कोली द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया।
बता दें कि सीबीआई ने निठारी कांड में कुल 16 मामले दर्ज किए थे। इनमें से 12 मामलों में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई गई थी। वहीं मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ सीबीआई ने कुल छह मामले दर्ज किए थे। इन छह मामलों में से उसे तीन मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई है। दो मामलों में पंढेर को पहले ही अदालत बरी कर चुकी है।
ये है पूरा मामला
बता दें कि निठारी कांड वर्ष 2005-2006 के बीच हुआ था। ये मामला वर्ष 2006 के दिसंबर में सामने आया था जब नोएडा के निठारी में एक घर के पास नाले में कंकाल मिले थे। इस मामले में पुलिस ने जांच पड़ताल की, जिसके बाद यह सामने आया था कि मोनिंदर सिंह पंढेर घर का मालिक है और कोली उसका घरेलू नौकर था। इस मामले में दोनों के खिलाफ ही एफआईआर की गई थी। इस मामले में सीबीआई की टीम ने कुल 16 मामले दर्ज किए थे। इन मामलों में सभी में कोली पर हत्या, अपहरण और बलात्कार के अलावा सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया था। एक मामले में पंढेर पर अनैतिक तस्करी का आरोप लगाया गया।
हालाँकि कई पीड़ित परिवारों के संपर्क करने के बाद गाजियाबाद अदालत ने पंढेर को पांच अन्य मामलों में तलब किया। सीबीआई के अनुसार, कोली ने कई लड़कियों की उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करके हत्या कर दी थी और फिर उन्हें उनके घर के पीछे की जगह में फेंक दिया था।