भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी मीणा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जयपुर में 100 निजी लॉकरों में 500 करोड़ रुपये का कालाधन और 50 किलोग्राम सोना रखा है और पुलिस से उन्हें खोलने की मांग की।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप लगाया जिसके बाद वह एक कंपनी के कार्यालय गए, जहां उन्होंने दावा किया कि लॉकर यहीं स्थित थे। बाद में दिन में भाजपा नेता ने दावा किया कि आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम मामले की जांच के लिए फर्म तक पहुंची।
दोनों एजेंसियों की ओर से इस बारे में तत्काल कोई पुष्टि नहीं हुई। मीणा ने दावा किया कि 50 लॉकर काम कर रहे थे और उनमें से 10 कुछ अधिकारियों के थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी भर्ती पेपर लीक घोटाला, राज्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग घोटाला और जल जीवन मिशन घोटाले से कमाया गया कालाधन इन्हीं लॉकरों में है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए केंद्र सरकार और किरोड़ी मीणा की मिलीभगत है। केंद्र में भाजपा सत्ता में है। मीणा लगभग दो घंटे तक एमआई रोड पर एक वाणिज्यिक भवन में फर्म के कार्यालय में रहे और मांग की कि पुलिस और आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों के अधिकारी हस्तक्षेप करें और लॉकर खोलें। जब मीणा फर्म के कार्यालय में थे तब पुलिस मौके पर पहुंची।
वहां पत्रकारों से बात करते हुए मीणा ने दावा किया कि कंपनी के मुख्य द्वार को पुलिस ने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए सील कर दिया है। बाद में गहलोत ने कहा कि यह उनकी सरकार को बदनाम करने का प्रयास है। गहलोत ने शुक्रवार रात संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें लॉकरों से क्या लेना-देना है? वह मीडिया के साथ वहां (फर्म) गए, वहां धरने पर बैठ गए। वह खबरों में बने रहने के लिए ऐसी चीजें करते रहते हैं... वह ईडी कार्यालय जाते हैं, झूठी शिकायतें करते हैं।’’
भाजपा सांसद ने यह भी आरोप लगाया है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य के रूप में बाबूलाल कटारा की नियुक्ति में कांग्रेस नेता दिनेश खोडनिया और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की नेता स्पर्धा चौधरी शामिल थीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कटारा ने प्रश्न पत्र लीक किया था। कटारा को पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय पहले ही गिरफ्तार कर चुका है और उनसे पूछताछ कर चुका है। मीणा ने दावा किया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी रहे खोडनिया पेपर लीक मामलों में शामिल थे और उन्होंने कटारा को आरपीएससी सदस्य के रूप में नियुक्त कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में कांग्रेस से जुड़ी रहीं चौधरी भी कटारा से जुड़ी हुई थीं।
गहलोत ने राज्य में हाल में हुई ईडी की कार्रवाई पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘अगर सही कार्रवाई की जाती है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन अगर चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के मकसद से कार्रवाई की जाती है, तो यह लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है।’’ राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं।