नई दिल्ली: भारत ने अफगानिस्तान (India Vs Afghanistan) को एकतरफा मुकाबले में आठ विकेट से हराकर अपना विजय अभियान जारी रखा है. वर्ल्डकप 2023 में अपने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराने वाली टीम इंडिया ने दूसरे मैच में अफगानी गेंदबाजों की जमकर खबर ली. रोहित बिग्रेड ने अफगान टीम के 272 रनों के स्कोर को महज 35 ओवर में पार कर लिया. कप्तान रोहित शर्मा ने 84 गेंदों पर 16 चौकों और पांच छक्कों की मदद से 131 रनों की पारी खेली और जीत के हीरो साबित हुए. वैसे, भारत की इस जोरदार जीत के दौरान अफगानिस्तान टीम मैनेजमेंट की रणनीति पर भी कई सवाल उठे.
भारतीय ओपनर रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और ईशान किशन (Ishan Kishan) जब अफगानी तेज गेंदबाजों के खिलाफ ‘धूमधड़ाका’ कर रहे थे तब ‘ट्रंप कार्ड’ लेग स्पिनर राशिद खान (Rashid Khan) को 15वें ओवर में आक्रमण पर लाया गया. अफगानिस्तान के कप्तान हशमतुल्लाह शाहिदी (Hashmatullah Shahidi) का राशिद को देर से बॉलिंग के लिए लाने का फैसला किसी के गले नहीं उतर रहा. खास बात यह रही कि मैच में भारत के जो दो विकेट गिरे, वह राशिद के ही नाम रहे.
पहले 10 ओवर में ही भारतीय ओपनर्स में स्कोरबोर्ड पर 94 रन टांग दिए थे. ऐसे में अफगानिस्तानी खेमा जोखिम लेते हुए राशिद को आक्रमण पर लगा सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. 15वें ओवर में राशिद बॉलिंग के लिए लाए गए तब तक भारत का स्कोर 125/0 (रन औसत 8.92) तक पहुंच चुका था और वांछित रन रेट (Required Run Rate) 4.11 का ही बचा था.
चमत्कार को छोड़ दें तो अफगानिस्तान के लिए मैच का परिणाम तब तक तय हो चुका था. राशिद ने अपने तीसरे ओवर में ईशान और छठे ओवर में रोहित शर्मा को आउट किया लेकिन तब तक मैच अफगानिस्तान की पहुंच से दूर जा चुका था.
राशिद खान जैसे जबर्दस्त स्पिनर को देर से आक्रमण पर लाने पर अफगानिस्तान टीम के कोच जोनाथन ट्रॉट (Jonathan Trott) बचाव की मुद्रा में नजर आए. उन्होंने कहा, ‘मैंने उसे रोका नहीं. मेरे विचार से यह एक मामला है. आप उसे जल्द से जल्द खेल में लाना चाहते हैं. मुझे लगता है कि यह कप्तान (शाहिदी) का विशेषाधिकार है. कप्तान के दिमाग में कुछ विचार थे जिसके साथ वह जाना चाहते थे. मेरी राय में हो सकता है कि उन्हें लगा कि बॉल जब कुछ पुरानी हो जाती है तो इससे कुछ अधिक टर्न मिलता है और यह उनकी अधिक स्किड नहीं होती. हां यह सही है कि हम रैश (राशिद) को जल्द खेल में लाना चाहते थे.’