उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक बार फिर एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (ATS) को बड़ी सफलता मिली है. एटीएएस ने यहां देवबंद से दो बांग्लादेशी युवकों को अरेस्ट किया है. यह दोनों बदमाश पाकिस्तान में बैठे आतंकी हैंडलर के इशारे पर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले थे. इसके लिए इन बदमाशों ने एक स्लीपर सेल नेटवर्क तैयार कर लिया था. एटीएस ने इन दोनों के पास से देश विरोधी गतिविधियों से संबंधित कई इलेक्ट्रानिक और मैन्यूअल दस्तावेज बरामद किए हैं. अब इनके नेटवर्क से जुड़े लोगों की तलाश की जा रही है.
एटीएस के सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए दोनों युवक देवबंद के मदीना कालोनी में रह रहे थे. शक के आधार पर ये दोनों कई दिनों से इलेक्ट्रानिक सर्विलांस पर थे. एटीएस के साइबर स्पेशलिस्ट इनकी हरके हरकतों पर नजर रख रही थी. इसी दौरान सोशल मीडिया का एक चैट पकड़ में आया, जो इन्होंने अपने हैंडलर को किया था. इसके बाद एटीएस की टीम ने दबिश देकर दोनों को गिरफ्तार किया है. लोकल पुलिस के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद एटीएस की टीम दोनों को किसी अज्ञात स्थान पर ले गई है, जहां इनसे पूछताछ हो रही है.
पुलिस के मुताबिक इन बदमाशों के पास बांग्लादेशी नागरिकता के प्रमाण के साथ ही भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं. एटीएस के सूत्रों के मुताबिक यह दोनों युवक पाकिस्तान के किसी आतंकी संगठन से जुड़े हैं और सोशल मीडिया के अलावा अन्य कई माध्यमों से उनके संपर्क में थे. यहां पर इन दोनों युवकों को गजवा ए हिन्द मिशन पर भेजा गया था. दोनों करीब दो साल पहले इस मिशन पर देवबंद आए और स्लीपर सेल नेटवर्क खड़ा करने में जुट गए थे.
बना रहे थे स्लीपर सेल नेटवर्क
इन दोनों युवकों ने पिछले दिनों सहारनपुर से सटे मुजफ्फरनगर के शामली में कुछ युवाओं से संपर्क किया था. उन्हें अपने नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश की थी. संबंधित इनपुट के आधार पर इन्हें अरेस्ट किया गया है. एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक पकड़े गए आतंकियों से उनके संगठन की जानकारी ली जा रही है. इसके अलावा उनके नेटवर्क के बारे में भी पता किया जा रहा है. इसमें खासतौर पर देखा जा रहा है कि इस नेटवर्क में कितने लोग हैं और इनमें से कितने भारतीय हैं.
वहीं, पूछताछ में मिली जानकारियों के आधार पर पुलिस ने देवबंद और आसपास के इलाकों में दबिश तेज कर दी है. बता दें कि इससे पहले भी यूपी एटीएस ने देवबंद से कई संदिग्ध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है. आम तौर पर देवबंद में दुनिया से छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं. पढ़ाई की आड़ में आंतकी भी यहां आते हैं और वारदातों को अंजाम देते रहते हैं. इसकी वजह से देवबंद हमेशा से ही एनआईए और एटीएएस के निशाने पर रहा है.