भुगतान गेटवे सेवा मुहैया कराने वाली एक कंपनी के खाते को कथित रूप से हैक कर अलग-अलग बैंक खातों से 16,180 करोड़ रुपये निकालने के आरोपियों के समूह ने इस रकम को कानूनी बनाने के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर साझेदारी में कई कंपनियां खोलीं।
ठाणे पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि यह धोखाधड़ी लंबे अरसे से चल रही थी लेकिन मामला तब सामने आया जब महाराष्ट्र के ठाणे शहर में श्रीनगर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई।
पुलिस के मुताबिक, शिकायत में अप्रैल 2023 में यहां कंपनी के भुगतान गेटवे खाते को हैक कर उसमें से 25 करोड़ रुपये निकालने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने मामले की जांच की तो 16,180 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला सामने आया।
ठाणे अपराध शाखा के एक अधिकारी की शिकायत के बाद नौपाडा थाने में शुक्रवार को संजय सिंह, अमोल अंदाले, अमन,केदान, समीर दिघे, जितेन्द्र पांडेय और अज्ञात लोगों के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पंजाबराव उगले ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि आरोपियों ने साझेदारी में पांच कंपनियां खोलीं और 260 बैंक स्टेटमेंट की जांच के बाद 16,180 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ। उगले ने कहा, ‘‘कुछ रकम विदेश में भी स्थानांतरित की गई। मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।