उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिंध प्रांत को वापस लाने की बात क्या की, पूरे पाकिस्तान में खलबली मच गयी है। पाकिस्तान जानता है कि योगी सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं बल्कि भारत में सत्तारुढ़ राजनीतिक दल भाजपा के शीर्ष नेताओं में भी शुमार हैं, इसलिए उनकी बात को हल्के में नहीं लिया जा सकता। बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने आनन फानन में बैठक बुलाकर सुरक्षा हालात की समीक्षा की और सीमाओं पर चौकसी को और सख्त किये जाने के निर्देश दिये। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार इस बात से चिंतित दिखी कि पीओके में भारत के साथ जाने की भावना बलवती होती जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार के समक्ष वह रिपोर्टें भी पेश की गयीं जिसमें सिंध प्रांत में हालिया प्रदर्शनों के दौरान पाकिस्तान विरोधी नारेबाजी की गयी। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने औपचारिक रूप से योगी आदित्यनाथ के बयान को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी है लेकिन खबरें हैं कि आज पाकिस्तान के सेना और सुरक्षा अधिकारी भी सुरक्षा हालात की समीक्षा करेंगे। इस बीच, पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ का सिंधु संबंधी बयान खूब वायरल हो रहा है।
जहां तक योगी आदित्यनाथ के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा था कि अगर पांच सौ वर्षों के बाद राम जन्मभूमि वापस ली जा सकती है, तो ‘‘कोई कारण नहीं कि हम सिंधु (सिंध प्रांत) वापस न ले पाएं’’। लखनऊ में एक होटल में सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया (यूथ विंग) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 500 वर्षों के बाद अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। जनवरी में प्रधानमंत्री द्वारा रामलला अपने मंदिर में फिर से विराजमान किये जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा, अगर राम जन्मभूमि के लिए कुछ किया जा सकता है। पांच सौ वर्षों के बाद राम जन्मभूमि वापस ली जा सकती है, तो कोई कारण नहीं कि हम सिंधु (सिंध प्रांत, जो अब पाकिस्तान में है) वापस न ले पाएं। योगी ने जब यह उद्गार व्यक्त किया, तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और काफी देर तक तालियां बजती रहीं और नारे लगते रहे। आजादी मिलने के बाद बंटवारे की टीस बयां करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1947 जैसी त्रासदी (भारत-पाकिस्तान बंटवारा) फिर नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति की जिद की वजह से देश को विभाजन की त्रासदी से गुजरना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘देश के बंटवारे की वजह से लाखों लोगों का कत्लेआम हुआ। भारत का एक बड़ा भू-भाग पाकिस्तान के रूप में चला गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधी समाज ने उस दर्द को सबसे ज्यादा सहा है, उन्हें अपने मातृभूमि को छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा, आज भी आतंकवाद के रूप में हमें विभाजन की त्रासदी के दंश को झेलना पड़ता है। कोई भी सभ्य समाज आतंकवाद, उग्रवाद या किसी भी प्रकार की अराजकता को कभी मान्यता नहीं दे सकता। अगर मानवता के कल्याण के मार्ग पर हमें आगे बढ़ना है, तो समाज की दुष्प्रवृत्तियों को समाप्त करना होगा। हमारे धर्मग्रंथ भी हमें यही प्रेरणा देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूज्य झूलेलाल जी (सिंधी समाज के आराध्य) हों या भगवान श्रीकृष्ण, सबने मानव कल्याण के लिए सज्जन के संरक्षण और दुर्जन को समाप्त करने की बात कही है। योगी ने कहा, ‘‘ देश है तो धर्म है, धर्म है तो समाज है और समाज है, तो हम सभी का अस्तित्व है। हमारी प्राथमिकता इसी अनुरूप होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि देश का सौभाग्य है कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद भारत के अंदर अपने अंतिम सांसें गिन रहा है। 1947 में बंटवारे जैसी त्रासदी फिर कभी ना आने पाए, इसके लिए हमें राष्ट्र प्रथम का संकल्प लेना चाहिए। राष्ट्र की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने वाले को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए।
जहां तक पाकिस्तान की ओर से जारी बयान की बात है तो आपको बता दें कि मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि भारतीय नेता की भड़काऊ टिप्पणियां ‘अखंड भारत’ (अविभाजित भारत) के निरर्थक दावे से प्रेरित हैं और इतिहास के विकृत दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की गई बेहद गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की निंदा करते हैं।’’ बलूच ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) अपने विभाजनकारी और संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह के विचारों को तेजी से बढ़ावा दे रहे हैं।