New Delhi: हांगझोउ एशियाई खेलों में कई उपलब्धियों को पहली बार भारतीय खिलाड़ियों ने किया हासिल

New Delhi: हांगझोउ एशियाई खेलों में कई उपलब्धियों को पहली बार भारतीय खिलाड़ियों ने किया हासिल

चीन के हांगझोउ में हुए 19वें एशियाई खेलों को भारतीय खिलाड़ियों के पदकों की रिकॉर्ड संख्या तथा कई खेलों में पहली बार परचम लहराने के लिए याद रखा जायेगा। इन खेलों में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल थे जिन्होंने अपनी स्पर्धा में पहली बार देश के लिए पदक जीता या कई दशकों के पदक के सूखे को खत्म कर देश और खुद को गौरवान्वित किया। एथलेटिक्स: अविनाश साबले (3000 मीटर स्टीपलचेज): साबले इन खेलों में 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। भारत को एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले 29 वर्षीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ने आठ मिनट 19.50 सेकंड में दौड़ पूरी की। साबले ने इस दौरान इन खेलों के पहले के रिकॉर्ड आठ मिनट 22.79 सेकंड में सुधार किया। पारुल चौधरी (5000 मीटर): पारुल ने महिलाओं की 5000 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

वह 5000 मीटर दौड़ में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गयी। उन्होंने इसके साथ ही 3000 मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक हासिल किया। मेरठ की 28 वर्षीय खिलाड़ी ने 5000 मीटर स्पर्धा में आखिरी 40 मीटर में जापान की रिरिका हिरोनका को पछाड़ कर पीला तमगा हासिल किया। उन्होंने इस दौरान 15 मिनट 14.75 सेकंड का समय लिया। अन्नू रानी (भाला फेंक): इस खिलाड़ी ने सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की भाला फेंक में शीर्ष पुरस्कार हासिल किया। वह 62.92 मीटर के प्रयास के साथ भाला फेंक में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। यह एशियाई खेलों में उनका दूसरा पदक था। अन्नू ने 2014 सत्र में कांस्य पदक जीता था। बैडमिंटन एच एस प्रणय ने पुरुष एकल जबकि सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने इन खेलों के पुरुष युगल में पदक के 41 साल के सूखे को खत्म किया।

इससे पहले सैयद मोदी ने 1982 ने पुरुष एकल में और लेरोय डी’सा तथा प्रदीप गांधी की पुरुष युगज जोड़ी ने अपनी-अपनी स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता था। चिराग और सात्विक की जोड़ी ने एशियाई खेलों में बैडमिंटन में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। पुरुष टीम ने 1986 के बाद पहली बार रजत पदक जीता। टेबल टेनिस  सुतीर्था मुखर्जी और अयहिका मुखर्जी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। उत्तर कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हार के बाद इस जोड़ी को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा लेकिन इससे पहले क्वार्टर फाइनल में भारतीय जोड़ी ने चीन  मेंग चेन और यिडी वांग की शीर्ष रैंकिंग की जोड़ी को हराकर बड़ा उलटफेर किया।

निशानेबाजी मनीषा कीर, राजेश्वरी कुमारी और प्रीति रजक की टीम ने महिलाओं की स्कीट में एशियाई खेलों में भारत का पहला रजत पदक जीता। अनंतजीत सिंह नरुका ने भी पुरुषों की स्कीट व्यक्तिगत स्पर्धा में देश के लिए पहला रजत पदक जीतकर भारतीय खेल के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। युवा सिफ्ट कौर समरा महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी। कैनोइंग अर्जुन सिंह और सुनील सिंह सलाम ने पुरुषों की कैनो युगल 1000 मीटर स्पर्धा में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर एशियाई खेलों में इस स्पर्धा में भारत को अब तक का दूसरा पदक दिलाया। इससे पहले 1994 के हिरोशिमा एशियाई खेलों में सीजी सदानंदन और जॉनी रोमेल ने इसी स्पर्धा में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। तीरंदाजीभारतीय पुरुष और महिला रिकर्व टीमों ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता कर  तीरंदाजी में 13 साल के पदक का इंतजार खत्म किया।

यह 2010 के एशियाई खेलों के बाद इस स्पर्धा में भारत का पहला पदक था। अंकिता भक्त, सिमरनजीत कौर और भजन कौर की महिला रिकर्व टीम ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वियतनाम को हराकर कांस्य पदक जीता। महिला टीम के बाद अतनु दास, तुषार शेल्के और धीरज बोम्मदेवरा की तिकड़ी भी पुरुषों के फाइनल में दक्षिण कोरिया से हारकर रजत पदक लेकर लौटी। घुड़सवारी  सुदीप्ति हजेला, दिव्यकृति सिंह, विपुल हृदय छेदा और अनुष अग्रवाल की चौकड़ी ने एशियाई खेलों में ड्रेसेज टीम स्पर्धा में भारत के स्वर्ण पदक के सूखे को खत्म किया। यह घुड़सवारी में 41 वर्षों में भारत का पहला स्वर्ण पदक है। अनुश अग्रवाल ने खेलों में ड्रेसेज प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत पदक, कांस्य पदक जीता। पाल नौकायन विष्णु सरवनन पाल नौकायन की पुरुष डिंगी आईएलसीए 7 स्पर्धा में कांस्य के तौर पर देश का पहला पदक जीता।   सेपकटकरॉ स्पर्धा  भारत ने खेलों में महिला सेपकटकरॉ में अपना पहला पदक जीता। इसमें महिला रेगु टीम ने कांस्य पदक जीता था। गोल्फ:  ओलंपियन अदिति अशोक ने रजत पदक जीता और गोल्फ में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

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