फलस्तीनी चरमपंथी समूह हमास की ओर से किए गए ताबड़तोड़ रॉकेट हमलों में इज़राइली शहर अश्कलोन में नर्स के तौर पर काम करने वाली एक भारतीय महिला जख्मी हो गई है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि महिला की पहचान केरल की शीजा आनंद के तौर पर हुई है और वह शनिवार को हुए हमले में जख्मी हो गई थीं तथा उनका नज़दीकी अस्पताल में तत्काल इलाज किया गया। उन्होंने बताया कि महिला को बाद में दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया और उनकी हालत स्थिर है। वह केरल में कन्नूर जिले के पय्यावूर की रहने वाली हैं। उनके परिवार ने बताया कि जब वह शनिवार को अपने पति के साथ वीडियो कॉल पर बात कर रही थीं तभी मिसाइल हमले में जख्मी हो गईं।
भारतीय मिशन ने मदद के लिए उनसे संपर्क किया है और वह केरल के कन्नूर जिले में रहने वाले उनके परिवार के संपर्क में भी हैं। दूतावास के एक सूत्र ने बताया, “ उनके परिवार को सूचित कर दिया गया है और हम सुश्री शीजा और उनके परिवार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।” सूत्रों ने पीटीआई-को बताया कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है। शीजा की बहन ने टीवी चैनलों को बताया कि वीडियो कॉल के दौरान शीजा ने अपने पति को बताया था कि वह मिसाइल हमलों की आवाज़ सुन रही हैं और पति ने उन्हें ध्यान से और सुरक्षित रहने के कहा था।
बहन ने कहा, “ बातचीत के दौरान ही कॉल कट गई और फिर कई घंटे तक शीजा से संपर्क नहीं हो पाया। बाद में शाम को उनके सहकर्मी ने हमें बताया कि वह हमले में जख्मी हो गई हैं और उनका फोन कहीं गिर गया।” उनकी मां ने बताया कि परिवार ने रविवार दोपहर को शीजा को अस्पताल के बिस्तर पर देखा और शीजा ने अपनी मां से कहा कि वह ठीक हैं। उन्होंने कहा, “ मैं कुछ वक्त के लिए मुश्किल से उनका (शीजा) का चेहरा देख सकी। इसके बाद कोई सूचना नहीं थी। फिर कल रात, हमें उनके सहकर्मियों ने सूचित किया कि रीढ़ की हड्डी संबंधी ऑपरेशन के लिए उन्हें दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित किया जा रहा है।” उनकी मां ने कहा, “ मुझे लगा था कि उनका हाथ और पैर ही जख्मी हुआ था। लेकिन उनकी रीढ़ की हड्डी भी चोटिल हुई है।”
शीजा के करीबी रिश्तेदार देवन ने पीटीआई-को बताया कि वह करीब सात साल से इज़राइल में नर्स के तौर पर काम कर रही हैं और वह पिछले बरस भारत आई थीं। देवन ने बताया कि उनके पति आनंद किसी परीक्षा के लिए अपने बच्चे के साथ पुणे जा रहे थे। अधिकतर लड़ाई इज़राइल के 10 फीसदी इलाके तक ही सीमित है खासकर, अश्कलोन के दक्षिणी हिस्से में। मगर इज़राइल में रहने वाले कुछ फलस्तीनी समुदायों के व्यवहार में बदलाव की अफवाहों को लेकर वहां के लोगों में चिंताएं हैं। कोट्टायम के एरुमेली में रहने वाले अनीश ने कहा कि उनकी पत्नी और बहन और बहनोई इज़राइल में नर्स के तौर पर काम करते हैं।
उनका कहना है कि हमास और इज़राइल के बीच लड़ाई से सिर्फ 10 प्रतिशत इलाका ही प्रभावित है। उनके मुताबिक, यरूशलम में एक यहूदी परिवार के साथ काम कर रही उनकी पत्नी ने कहा कि वह सुरक्षित हैं, लेकिन उन्होंने ऐसी अफवाहें सुनी हैं कि कुछ फलस्तीनी समुदाय हमास समूह की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। अनीश ने दावा किया कि मोबाइल फोन हैक करने की भी घटना हुई हैं और साइबर हमले कर दावा किया जा रहा है कि इज़राइल के ज्यादातर हिस्सों में हालात सामान्य हैं। अनीश ने बताया कि अश्कलोन में मौजूद उनकी बहन और बहनोई ने बताया है कि इलाके में टैंक मौजूद हैं और उन्हें गोलीबारी की आवाज़ें सुनाई दे रही हैं। उन्होंने कहा, “ रक्षा बल और पुलिस सड़कों पर हैं और इज़राइल में घुसपैठ करने वाले विद्रोहियों की तलाश में है। विद्रोहियों की मौजूदगी भी लोगों के लिए चिंता का विषय है।”
पूछा गया कि मौजूदा हालात को देखते हुए क्या उनके परिवार के सदस्य वतन वापस लौटना चाहेंगे तो उन्होंने ना में जवाब दिया। अनीश ने कहा कि इज़राइली सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है और भारतीय दूतावास ने सभी को शांत और सुरक्षित रहने तथा अगले निर्देशों का इंतजार करने को कहा है। गाज़ा पट्टी पर शासन करने वाले हमास ने शनिवार को सुबह अचानक से इज़राइल पर हमला कर दिया था। इज़राइल में सैनिकों समेत कम से कम 700 लोगों की मौत हो गई है और 2100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इज़राइल के जवाबी हमलों में गाज़ा पट्टी में करीब 500 लोगों की मौत हुई है और दो हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।