नई दिल्ली: टेलीकॉम गियर मेकर Nokia ने बेंगलुरु में अपने ग्लोबल R&D सेंटर में एक नए 6G लैब को स्थापना की है, जिसका उद्घाटन गुरुवार को केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया. नोकिया ने कहा कि ये अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य फंडामेंटल टेक्नोलॉजी और इनोवेटिव यूज केसेस के विकास में तेजी लाना है. जो 6G पर बेस्ड हो और जो इंडस्ट्री और सोसाइटी की भविष्य की जरूरतों को एड्रेस कर सके.
नोकिया ने कहा कि उनका 6G लै भारत सरकार के ‘भारत 6G विजन’ को सपोर्ट करता है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेश किया था. जो 6G टेक्नोलॉजी के स्टैंडर्डडाइजेशन, डेवलपमेंट और इंप्लिमेंटेशन में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वैश्विक भूमिका की कल्पना करता है.
इतना ही नोकिया यहां 6G रिसर्च इनिशिएटिव को आगे बढ़ाने के लिए IISc/IITs जैसे देश के प्रमुख रिसर्च संस्थानों के साथ रिसर्च कोलाबोरेशन बनाने की प्रक्रिया में भी है. लैब में ‘नेटवर्क एज ए सेंसर’ टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करने के लिए एक सेटअप शामिल है. इससे नेटवर्क बिना ऑन-बोर्ड सेंसर्स के ऑब्जेक्ट, पीपल और मूवमेंट को सेंस कर सकेगा.
कितनी होगी 6G की स्पीड?
4G की तुलना में बात करें तो 6G की स्पीड 100 गुना ज्यादा होगी. 4G लगभग 100 Mbps की स्पीड ऑफर करता है. वहीं, 5G 20Gbps तक पहुंच सकता है. इन सबकी तुलना में कई एनलासिस में ये अनुमान लगाया है कि 6G की स्पीड 100Gbps या 1 Tbps तक पहुंच सकी है. जहां तक भारत में इसकी कमर्शियल लॉन्चिंग की बात है तो इसे 2030 तक भारत में लॉन्च किया जा सकता है.