नई दिल्ली: एक समय में वाटर रेजिस्टेंस का फीचर केवल मोटे और रबर सील्ड फोन्स में देखने को मिलता था. ऐसे फोन्स माउंटेन ट्रैकर्स या कंस्ट्रक्शन वर्कर्स इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, आजकल वाटर रेजिस्टेंस का फीचर कई फोन्स में देखने को मिल जाता है. इनमें प्रमुख नाम iPhone 14 Pro, Galaxy S23 Ultra और Pixel 7A हैं. लेकिन, क्या वाकई में आपका फोन वाटरप्रूफ है. आइए जानते हैं इस बारे में डिटेल.
ये बात सच है कि ये स्मार्टफोन कंपनियों ने बीते सालों में काफी हद तक फोन्स को वाटर रेजिस्टेंट बनाया है. लेकिन, अभी भी आप वाटरप्रूफ नाम से मिलने वाले फोन्स को वाटरप्रूफ नहीं कह सकते. क्योंकि, ये तय सीमा के तहत ही फोन को बचा सकते हैं. इसके लिए फोन्स को IP रेटिंग दी जाती है. आइए जानते हैं इस बारे में.
जानें IP रेटिंग:
आप जब भी फोन खरीदें आपका फोन डस्ट और वाटर के लिए कितना रेजिस्टेंट है. ये जानने के लिए आपको IP रेटिंग जानना होगा. इसे आप फोन के स्पेसिफिकेशन्स में जाकर देख सकेंगे. IP रेटिंग यानी इंग्रेस प्रोटेक्शन (IP) रेटिंग होता है. ये एक एक अंतरराष्ट्रीय मानक है. इसे इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन द्वारा सेट किया गया है. IP रेटिंग में दो नंबर होते हैं. अगर किसी फोन की रेटिंग IP68 है. तो इसमें 6 (0 से 6 के स्केल में) सॉलिड्स के खिलाफ प्रोटेक्शन बताता है. वहीं, 8 (0 से 9 के स्केल में) पानी के लिखाफ प्रोटेक्शन बताता है. जीरो यहां नो प्रोटेक्शन होता है और 9 हाई प्रोटेक्शन. यानी अगर जितनी आपके फोन के रेटिंग होगी, उतना फोन सेफ होगा. कई बार IP रेटिंग में नंबर को X के साथ रिप्लेस कर दिया जाता है. जैसे कि IPX8 एक नंबर है. यानी यहां कंपनी ने डस्ट के लिए टेस्टिंग डिटेल नहीं दिए हैं.
iPhone 14 Pro की रेटिंग IP68 यानी है. यानी ये डस्ट से रेजिस्टेंट है और इसे पानी में डुबोया जा सकता है. हालांकि, एक तय ही सीमा तक. इसी तरह Galaxy S23 Ultra भी IP68 रेटिंग के साथ आता है. तो ये भी iPhone के बराबर वाटर रेजिस्टेंट है? नहीं. यहीं से लोगों को कन्फ्यूजन होता है.
8 IP रेटिंग के लिए IEC का डिमांड करता है कि डिवाइस कम से कम 1 मीटर पानी में 30 मिनट तक रह सके. इसके बाद की सीमा मैन्युफैक्चरर पर निर्भर करती है. S23 Ultra 1.5 मीटर पानी में 30 मिनट तक रह सकता है. लेकिन, जबकि ऐपल के मुताबिक iPhone 14 Pro 6 मिनट तक 30 मिनट तक रह सकता है. इन फोन्स को स्विमिंग के लिए इसीलिए इस्तेमाल नहीं करने की भी सलाह दी जाती है. क्योंकि, पूल में क्लोरीन जैसे केमिल भी होते हैं और समुद्र में खारा पानी होता है जो फोन के रेजिस्टेंस को डैमेज कर सकता है.
फोन को वाटरप्रूफ बनाने के लिए कई तरह की दिक्कतें होती हैं. फोन में कई तरह के पोर्ट्स ओपन होते हैं. जो कि ग्लू या टेप वगैरह से प्रोटेक्टेड होते हैं. जो वक्त के साथ डिग्रेड भी होते जाते हैं.