सीएम योगी ने शुक्रवार को लखनऊ में इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एंड इम्यूनोहिमैटोलॉजी की 48वीं वार्षिक कॉन्फ्रेंस TRANSCON 2023 का शुभारंभ किया। करीब डेढ़ दशक बाद राजधानी में हो रहा इस वर्कशॉप में देशभर से 250 से ज्यादा टॉप डॉक्टर्स शामिल हो रहे हैं।
इस दौरान CM योगी ने अपने संबोधन में कहा कि ब्लड डोनेशन की पहल के लिए यह ट्रांसकॉन मील का पत्थर साबित होगा।उन्होंने ब्लड ट्रांसफ्यूजन के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के प्रयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि करीब 2 दशक पहले तक एक यूनिट ब्लड से सिर्फ एक मरीज को फायदा मिलता था। आज एक यूनिट ब्लड से अलग अलग कम्पोनेंट निकाल कर कई जिंदगिया बचाई जा रही है। ब्लड डोनेशन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में प्रतिदिन डेढ़ करोड़ यूनिट ब्लड की मांग है। इस सापेक्ष ब्लड बैंक मे करीब 25 लाख यूनिट मौजूद है। इसलिए इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत हैं।
सीएम ने कहा कि काल के शुरुआत मे उत्तर प्रदेश में कोविड संबंधी कोई बेड ही नही था। पर बाद में प्रयासों की बदौलत फ्रंटलाइन वर्कर्स ने बढ़ चढ़ कर कार्य किया, परिणाम स्वरूप हमने उत्तर प्रदेश मे मृत्यु दर न्यूनतम रखने मे सफल रहे। कोविड काल खंड मे अगर यूएस से तुलना करें तो भारत मे संक्रमण दर कम थी और मृत्यु दर भी कम थी, इससे जागरूकता,और प्रबंधन दोनों का पता चलता है।
KGMU देश के पुराने चिकित्सा संस्थानों मे से एक है, यहां की प्रतिदिन की OPD ही दुनिया के कई देशो की आबादी होगी,इन्हे स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना भी बड़ी चुनौती होती है। इस तरह के सेमिनार से लोगो मे अवेयरनेस बढ़ेगा।
स्कूलों में हो सेमिनार
सीएम ने कहा कि ब्लड डोनेशन के लिए गांव,शहर स्कूलों मे सेमिनार होने चाहिए,आज जब ये ट्रांसकॉन हो रहा है। इसी के साथ प्रदेश मे सेवा पखवाड़ा भी सम्पन्न हो रहा है। इस सेवा पखवाड़ा मे एक कार्यक्रम ब्लड डोनेशन कैम्प का भी था। केवल इसी कार्यक्रम के माध्यम से ही प्रदेश भर मे करीब तीस हजार यूनिट ब्लड डोनेट करवाकर और उन्हे संरक्षित किया गया। सीएम ने डेलिगेट्स से लखनऊ से डेढ़ किलोमीटर दूर अयोध्या घूमने की भी बात कही।