यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी बनाने का लक्ष्य, भर रहा है योगी सरकार का खजाना, सितंबर तक 89 हज़ार करोड़ का रेवेन्यू कलेक्शन

यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी बनाने का लक्ष्य, भर रहा है योगी सरकार का खजाना, सितंबर तक 89 हज़ार करोड़ का रेवेन्यू कलेक्शन

योगी सरकार का लक्ष्य यूपी की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने का है। इसको लेकर ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, मोटो जीपी और यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो जैसे आयोजन लगातार कराए जा रहे। हालांकि सरकार के इन कदमों का असर भी दिख रहा है।

सरकार का लगातार खजाना भर रहा है। बीते सितंबर महीने की अगर बात करें तो यूपी सरकार को इस महीने में कुल 13839.37 करोड़ का रेवेन्यू मिला है। जोकि बीते वर्ष 2022 के सितंबर महीने के मुकाबले 1632 करोड़ ज्यादा है।

जीएसटी से सितंबर में मिला सबसे ज्यादा रेवेन्यू

यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2023- 24 के सितंबर महीने का जो लेखा-जोखा पेश किया है, उसके मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में सितंबर महीने में उत्तर प्रदेश सरकार को कुल 13839 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। जबकि बीते वर्ष 2022-23 में सितंबर महीने में योगी सरकार को 12206 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हुआ था। यानी 2023 सितंबर में बीते वर्ष के मुकाबले 1632 करोड़ का रेवेन्यू ज्यादा मिला है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 के सितंबर महीने में प्रदेश सरकार को जीएसटी और वैट से कुल 7405 करोड़ का रेवेन्यू मिला है। हालांकि जीएसटी और वैट से राजस्व प्राप्ति का जो लक्ष्य था वह 11246 करोड़ का था। लेकिन 2022 के सितंबर महीने की तुलना में इस बार जीएसटी और वैट से प्रदेश सरकार को 490 करोड रुपए अधिक मिले हैं। जीएसटी से सितंबर महीने में 5108 करोड रुपए और वैट से 2297 करोड रुपए का रेवेन्यू सरकार के खजाने में आया है।

आबकारी विभाग से भर रहा है सरकार का खजाना

वित्तीय वर्ष 2023-24 के सितंबर महीने में सरकार को अगर सबसे ज्यादा राजस्व का लक्ष्य किसी विभाग से हासिल हुआ है तो वह आबकारी विभाग है । सितंबर महीने में आबकारी से 4000 करोड़ का राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य था। जबकि सरकार को 3253 करोड़ का रेवेन्यू इस महीने मिला है। जो कि कुल निर्धारित लक्ष्य का 81 प्रतिशत है।

वही स्टांप एवं निबंधन से 2182 करोड़ का रेवेन्यू इस सितंबर महीने में सरकार को मिला है । जबकि 2022 के सितंबर महीने में इस विभाग से 1978 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हुआ था। वहीं अगर परिवहन की बात करें तो सितंबर महीने में परिवहन विभाग से 785 करोड़ का राजस्व मिला है।

जबकि भूतत्व और खनिकर्म विभाग से चालू वित्तीय वर्ष के सितंबर महीने में 212 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। जबकि 2022 के सितंबर में 183 करोड़ का रेवेन्यू ही इस विभाग से प्राप्त हुआ था।

सितंबर तक 1 लाख 23 हज़ार करोड़ का राजस्व का था लक्ष्य

यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने जो रेवेन्यू पाने का लक्ष्य रखा था, वह 1 लाख 23 हज़ार 819 करोड़ का था। जिसमें सितंबर महीने तक 89039 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है। ये निर्धारित लक्ष्य का 71.9 प्रतिशत है। सितंबर महीने तक जीएसटी से कुल राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य 52851 करोड़ का था। जिसमें सितंबर महीने की समाप्ति तक सरकार ने जीएसटी से 35285 करोड़ का रेवेन्यू हासिल किया है।

वहीं अगर वैट की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2023-24 में सितंबर महीने तक वैट से 19594 करोड़ का राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य था। लेकिन सरकार को सितंबर महीने तक 13921 करोड़ का ही राजस्व मिल पाया है ।

अगर आबकारी विभाग की बात करें तो सितंबर महीने तक आबकारी विभाग से कुल रेवेन्यू का लक्ष्य 25800 करोड़ था जबकि सितंबर महीने तक 20226 करोड़ का रेवेन्यू सरकार को मिला है। वहीं परिवहन विभाग की बात करें तो सितंबर महीने तक 5816 करोड़ का रेवेन्यू का लक्ष्य था। जबकि सितंबर महीने तक परिवहन विभाग से 4738 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।

स्टांप निबंधन से 16056 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य सितंबर तक रखा गया था। जिसके मुकाबले 13412 करोड़ का राजस्व अब तक स्टांप निबंधन से सितंबर महीने तक प्राप्त हो चुका है।

जुलाई-अगस्त के मुकाबले घटा रेवेन्यू कलेक्शन

भले ही सितंबर महीने में यूपी सरकार को 13839 करोड़ का राजस्व मिला हो, लेकिन अगर आंकड़ों को देखा जाए तो बीते महीनों के मुकाबले इस चालू वित्तीय वर्ष में सरकार के रेवेन्यू कलेक्शन में कमी आई है। चालू वित्तीय वर्ष के अगस्त महीने में प्रदेश सरकार को जहां 14243 करोड़ का रेवेन्यू मिला था, तो वहीं जुलाई महीने में योगी सरकार का रेवेन्यू कलेक्शन 15418 करोड़ था। जबकि मई महीने में सरकार के खजाने में 15351 करोड़ रुपए आए थे।

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