2024 के लोकसभा चुनाव में अभी 7 महीने का समय बाकी है। मगर, सपा चुनावी मोड में आ चुकी है। यही नहीं, सपा हिंदुत्व के एजेंडे पर भाजपा को पछाड़ने की हर कोशिश में लगी है। इसी एजेंडे के तहत सपा ने यूपी की VIP सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान करने वाली है। इसके लिए सपा ने नवरात्र का टाइम स्लॉट चुना है। यानी शुभ समय पर अच्छी शुरुआत।
लब्बोलुआब ये कि सपा नए माइलस्टोन बनाना चाहती है। बड़ी सीटों पर अपने योद्धाओं के चेहरों से पर्दा हटाकर चुनावी माहौल भांपना चाहती है। चर्चा ये भी है कि साइकिल को रफ्तार देने के लिए अखिलेश साइकिल यात्रा भी शुरू कर सकते हैं। इसके लिए भी एक अच्छा सा मुहूर्त देखा जा रहा है।
दरअसल, हिंदुत्व एजेंडे की शुरुआत, तो सपा के प्रशिक्षण शिविर से ही हो चुकी है। क्योंकि इसके लिए नैमिषारण्य को चुना गया। हिंदुत्व का साफ संदेश दिया गया था।
चुनावी हथकंडों के बीच आइए आपको अखिलेश का लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति के बारे में 5 पॉइंट्स में बताते हैं...
नवरात्र में VIP सीट पर टिकट ऐलान करने के पीछे क्या है रणनीति
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव नवरात्र पर VIP सीटों पर लोकसभा टिकट का ऐलान कर सकते हैं। रणनीति ये मानी जा रही है कि अखिलेश धार्मिक और हिंदुत्व विचारधारा के साथ शुभ दिनों में अच्छे कार्य करने का मैसेज देना चाहते हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि VIP सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान के साथ अखिलेश माहौल को भी भांपने की कोशिश करेंगे।
वो ये भी संदेश देना चाहते हैं कि सिर्फ सपा ही बीजेपी को टक्कर दे सकती है। बीजेपी के धुरंधरों के सामने वाले अपने सिपेहसालारों के चेहरों से पर्दा उठा देना चाहते हैं। एक संदेश INDIA गठबंधन के लिए भी है कि यूपी की 60 सीटों पर सपा अकेले चुनाव लड़ेगी।
घोसी में PDA फॉर्मूला सफल, अब बीजेपी से नाराज वोटर्स जोड़ने की कवायद
यूपी की घोसी विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को चुनाव हारने के बाद सपा के PDA फॉर्मूले सफल माना जा रहा है। बीजेपी के नाराज वोटर्स को सपा से जोड़ने की मुहिम अखिलेश शुरू कर चुके हैं। OBC-दलित नेताओं को इसका टारगेट दिया जा चुका है।
ये भी कहा गया है कि कौशांबी में जमीन विवाद, देवरिया हत्याकांड, सुल्तानपुर डॉक्टर हत्याकांड समेत ऐसी हर घटना, जिसमें सरकार पर सवाल उठते हो, उन्हें जरूर हाईलाइट करना है। सूत्र कहते हैं कि अखिलेश देवरिया के दौरे पर भी जाएंगे। सपा के सीनियर नेताओं को जिलेवार घटनाओं में कैंप करने के निर्देश दिए हैं।
लोकसभा 2024 के लिए अखिलेश चलाएंगे साइकिल
अखिलेश यादव ने 2012 में साइकिल यात्रा निकाली और बसपा से यूपी की सत्ता छीन ली। इसके बाद चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा। अखिलेश लोगों के बीच आते रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने रथ यात्रा निकाली। उन्हें फायदा भी मिला। 2017 के मुकाबले उनकी सीटें बढ़ गईं। सोर्स के मुताबिक, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश साइकिल यात्रा निकालने की तैयारी कर रहे हैं।
जातीय जनगणना के मुद्दा बीजेपी पर पॉलिटिकल प्रेशर
अखिलेश जातीय जनगणना के मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं। बसपा से आए नेताओं को जिलेवार जातीय जनगणना को लेकर छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाएं करने के भी निर्देश दिए हैं। जिसकी-जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी नारे के साथ अखिलेश यूपी में इंडिया गठबंधन के सहयोग से 80 लोकसभा सीटों पर सबसे ज्यादा जातीय समीक्षा बैठक कर रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व कैबिनेट मंत्री आर. चौधरी, राम अचल राजभर, लालजी वर्मा, अवधेश प्रसाद, इंद्रजीत सरोज समेत पार्टी के सभी फ्रंटल विंग के नेताओं को चुनाव की तैयारी में उतार दिया गया है।
शिवपाल पर संगठन मजबूत करने की जिम्मेदारी
अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें संगठन मजबूत करने का टास्क है। शिवपाल ने पिछले दिनों प्रतापगढ़ के प्रशिक्षण शिविर में कार्यकर्ताओं से संवाद किया। कहा-किसी कार्यकर्ता के साथ अन्याय नहीं होगा। कुछ दिन से मैं निष्क्रय था, लेकिन अब आपके बीच हूं। रामपुर के बाद प्रतापगढ़ के कार्यकर्ताओं के साथ सबसे ज्यादा अन्याय हुआ है। उनकी ऐसी बैठकों में सपाई भी खूब जुट रहे हैं। शिवपाल ने प्रदेश सरकार के खिलाफ सपा पार्टी के द्वारा उठाए गए मुद्दों को भी गिना रहे हैं।
इन सीटों पर टिकटों का हो सकता है ऐलान
अखिलेश यादव ने जिन सीटों पर नवरात्र में प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर सकते हैं। उनमें वाराणसी, गाजियाबाद, लखनऊ, मथुरा, रामपुर, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, कन्नौज, फैजाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़, पीलीभीत जैसी सीटें शामिल हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि अखिलेश कन्नौज या आजमगढ़ से लड़ सकते हैं। आजमगढ़ से शिवपाल या उनके बेटे को भी टिकट मिल सकता है।