आज के समय में फोन जीवन जीने के लिए बेहद जरूरी हो गया है. इसके बगैर काफी काम अटक जाते हैं. चाहे पेमेंट करना हो मैप देखना हो. छोटा-बड़ा हर तरह का काम इससे हो जाता है. ऐसे में अगर फोन खो जाए तो काफी दिक्कत होती है. लेकिन, अच्छी बात ये है कि अगर आपका फोन खो जाए तब भी आप इसे ट्रैक कर सकते हैं. इसमें मदद करता है फोन का IMEI नंबर. आइए जानते हैं इसका तरीका.
IMEI एक तरह से फोन का आइडेंटिटी सर्टिफिकेट होता है. इस यूनिक नंबर के जरिए फोन को ट्रैक किया जा सकता है. इस नंबर के जरिए फोन का सिम बदल जाने पर भी फोन को ट्रैक किया जा सकता है. इस नंबर को बदला नहीं जा सकता. क्योंकि सिम या लोकेशन को टर्न ऑफ किया जा सकता है. लेकिन, IMEI नंबर को नहीं बदला जा सकता. ये नंबर फोन के बॉक्स में और फोन में About Phone पर जाने पर मिल जाता है.
IMEI नंबर के जरिए ऐसे ढूंढे फोन: अगर आपका फोन खो जाए तो आपको सबसे पहले अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाना होगा और फोन खोने की जानकारी देनी होगी. फिर FIR दर्ज करा कर इसकी एक कॉपी अपने पास रखनी होगी
इसके बाद आपको अपने नेटवर्क प्रोवाइडर से एक डुप्लीकेट सिम कार्ड जारी करने के लिए कहना होगा. फिर जब आप इस IMEI नंबर को ब्लॉक करने के लिए रिक्वेस्ट डालेंगे तो आपको OTP इसी नंबर पर मिलेगा. अगर आप IMEI नंबर को ब्लॉक कराएंगे तो आपका फोन भले ही ट्रैक न हो पाए. लेकिन, ये पूरी तरह से यूजलेस जरूर हो जाएगा और कोई फोन का गलत तरीके से फायदा नहीं उठा पाएगा.
अगले स्टेप की बात करें तो आपको ceir.gov.in/Request/CeirUserBlockRequestDirect.jsp इस लिंक पर जाकर IMEI ब्लॉक कराने की रिक्वेस्ट डालनी होगी. साथ ही यहां आपको पुलिस रिपोर्ट और बाकी जरूरी डॉक्यूमेंट्स देने होंगे.
नंबर डालते वक्त आपको ध्यान रखना होगा कि वही नंबर डला हो जो पहले एक्टिव था. क्योंकि, आपको OTP ठीक इसी नंबर पर मिलेगा. इसके बाद आपको एक रिक्वेस्ट ID दी जाएगी. अगर आपको IMEI नंबर को अनब्लॉक करना हो इस ID से स्टेटस किया जा सकेगा
IMEI ब्लॉक करने के रिक्वेस्ट से कैसे मिलेगा फोन? दरअसल होता ये है कि जब आप मोबाइल फोन खोने की शिकायत दर्ज कराते हैं तब नेटवर्क ऑपरेटर आपके डिवाइस का IMEI नंबर सेंट्रल डेटाबेस के साथ ब्लैकलिस्ट के तौर पर शेयर कर देता है. इससे बाकी ऑपरेटर्स भी इस नंबर को ब्लॉक कर देते हैं. ताकी कोई दूसरा सिम भी फोन में काम न कर सके. ऐसे में होता ये है कि सारे नेटवर्क प्रोवाइडर्स इससे अलर्ट हो जाते हैं और कोई भी सिम लगते ही ये नंबर डिटेक्ट हो जाता है और फोन का पता चल जाता है.