मशहूर इंडियन रेसलर संग्राम सिंह ‘तंबाकु मुक्त भारत’ के साथ साथ ‘स्वच्छ भारत’ के ब्रांड एम्बेसडर बन गए हैं. संग्राम सिंह ने कहा कि सम्मान के साथ-साथ उन्हें एक जिम्मेदारी भी दी गई है और उनके लिए ये बड़े ही गर्व की बात है. अपने नए मिशन के बारे में बात करते हुए संग्राम सिंह ये भी बोले कि उन्हें लगता है कि गांव के मुकाबले स्वच्छता की ज्यादा जरूरत शहरों को है.
संग्राम सिंह ने कहा, “मैंने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत अपने गांव से ही की थी. हरियाणा के रोहतक जिले के मदीना में मेरा गांव है. मेरे गांव को इस साल हरियाणा की पंचायत में सबसे स्वच्छ गांव का सम्मान मिला था. शहरों में हम बोतल में पानी पीते हैं, चिप्स खाते हैं और बोतल या पैकेट रास्ते में फेंक देते हैं. कोई गुटखा खाता है और वही थूक देता है. स्वच्छता का महत्त्व इन पढ़े-लिखे लोगों को समझाने की जरूरत है. तब जाकर सही मायने में पूरा देश साफ रहेगा.”
कोरोना के बाद लोगों को हुआ एहसास
आगे संग्राम सिंह बोले, “देश को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हम सब की है, लेकिन हम थोड़े से सेल्फिश बन गए थे. ये प्रकृति तो हमेशा से हमें सब कुछ देती आई है. लेकिन हमने उसका सम्मान करना छोड़ दिया था. जब कोरोना जैसी बीमारी आई, तब हमें इस बात का एहसास हुआ कि अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए, आस-पास पेड़ भी लगाने चाहिए. जब हम हमारा स्वार्थ पीछे छोड़ देंगे, तब स्वछता के मामले में भी हम टॉप 3 देशों में अपनी जगह बना सकते हैं.”
बिना जिम्मेदारी नहीं मिलता कोई सम्मान
संग्राम सिंह का कहना है कि कोई भी सम्मान बिना जिम्मेदारी नहीं मिलता. जब आप जिम्मेदारी लेने के लिए सक्षम होते हो, तब ही आपको सम्मान दिया जाता है. सिर्फ मैं ही नहीं हर भारतीय इस ‘स्वच्छ भारत’ कैम्पेन का ब्रांड एम्बेसडर है.