छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है। इसके लिए अभी से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। वहीं सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि 15 साल तक सत्ता में केंद्र बिंदू रही राजनांदगांव विधानसभा सीट पर बीजेपी का दबदबा कायम रहा है। विधायक डॉ. रमन सिंह लगातार तीन बार राजनांदगांव से मुख्यमंत्री रहे। विधानसभा चुनाव के लिए राजनांदगांव को अहम सीट माना गया है।
जातीय समीकरण
राजनांदगांव सीट पर होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 किस पार्टी के पक्ष में जाता है। यह जनता तय करेगी। लेकिन अगर इस क्षेत्र में जातीय समीकरण की बात करें तो साल 2018 में यहां पर मतदाताओं की संख्या 1,97,661 है, जो साल 2023 में अपना नेता चुनेंगे।
जानिए चुनावी मुद्दे
राजनांदगांव विधानसभा सीट के ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों की हालत जर्जर हो गई। यह एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है। सड़कों की मरम्मत ना होने के कारण स्थानीय लोगों को आवागमन में खासी परेशानी का समाना करना पड़ता है।
राज्य में बढ़ती बेरोजगारी के कारण लोगों ने बीएनसी मिल के अलावा नया उद्योग लाने की मांग की है। जिससे कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके।
इस सीट के ग्रामीणजन क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विस्तार कराने की भी मांग कर रहे हैं। जिससे कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके और सूखे की समस्या से किसानों को निजात मिल सके।
राजनांदगांव में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार नहीं होने से क्षेत्र की जनता में खासी नाराजगी है। इस क्षेत्र की जनता चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है।
राजनांदगांव से अलग हुए दो जिलों के बाद अब संभाग को बनाने की मांग उठ रही है। आपको बता दें कि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौक को नया जिला बनाया गया था।
कांग्रेस नेताओं ने की दावेदारी
भाजपा का गढ़ कही जाने वाली राजनांदगांव सीट पर कांग्रेस कब्जा करने के लिए काफी प्रयास कर रही है। वहीं कांग्रेस के 54 नेताओं ने इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है।
हालांकि भाजपा के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में राजनांदगांव सीट का नाम घोषित नहीं किया गया। लेकिन क्षेत्र की जनता की पहली पसंद पूर्व सीएम डॉ, रमन सिंह है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह फिर से राजनांदगांव से ही चुनाव लड़ेंगे।