देव दीपावली की तारीख को लेकर नई जानकारी सामने आई है। देव दीपावली की तारीख को लेकर बीते कुछ समय से लगातार विवाद जारी था जो अब खत्म हो गया है। वाराणसी प्रशासन और गंगा महोत्सव की बैठक के बाद देव दीपावली की तारीखों की घोषणा हो गई है।
विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब 27 नवंबर को धूमधाम के साथ देव दीपावली मनाई जाएगी। वाराणसी प्रशासन और गंगा महोत्सव के अलावा इस बैठक में देव दीपावली समितियां, होटल एसोसिएशन, पर्यटन विभाग, संस्कृति विभाग, पुलिस, काशी परिषद के सदस्य समेत कई लोग शामिल हुए थे।
बता दें कि इस बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है कि सूर्योदय की पूर्णिमा तिथि यानी 27 नवंबर को घाटों पर पूर्णिमा का स्नान आयोजित होगा। इसके बाद शाम को प्रशासनिक व जन भागीदारी के जरिए धूमधाम से देव दीपावली का शानदार आयोजन किया जाएगा। बता दें कि देव दीपावली के दिन कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती का अवकाश होता है।
बता दें कि अब तक देव दीपावली की तारीख को लेकर कई तरह के विवाद चल रहे थे। देव दीपावली की तारीख को लेकर काशी विद्वत परिषद के संतों और गंगा समितियों के बीच एकमत राय नहीं बन रही थी। इसी कड़ी में 26 नवंबर को संतों ने ऐलान किया था कि वह देव दीपावली मनाएंगे जबकि गंगा समितियां ने 27 नवंबर को देव दीपावली मनाने का ऐलान किया था। ऐसे में असमंजस था कि देव दीपावली असल में कब मनाई जाएगी जिस पर अब अंतिम फैसला बैठक के बाद हो चुका है।
देव दीपावली पर होता है अद्भुत नजारा
गौरतलब है कि देव दीपावली के मौके पर वाराणसी के गंगा घाटों पर बेहद शानदार और अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। इस दिन सूरज की ढलती करने के साथ में काशी के घाटों पर असंख्य दीयों को जलाया जाता है जिससे पूरा घाट जगमग होता है। इस बेहद मनोरम दृश्य को देखने के लिए देश और दुनिया से श्रद्धालु और पर्यटक वाराणसी आते हैं।
देव दीपावली का श्रद्धालु और पर्यटकों में उत्साह बेहद अधिक होता है। इसका उदाहरण वाराणसी में पर्यटकों द्वारा होटल और नावों की बुकिंग को लेकर देखने को मिलता है। होटल और नावों की बुकिंग कई सप्ताह पहले से ही फुल हो जाती है। ऐसे में जब दो तिथियों पर देव दीपावली मनाए जाने की बात चल रही थी तो पर्यटकों और श्रद्धालुओं में भी असमंजस की स्थिति थी जो कि अब दूर हो गई है।