नई दिल्ली: रूस इस समय यूक्रेन के साथ युद्ध के मैदान में है. इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस अपने सैनिकों को पनिशमेंट दे रहा है. क्योंकि रूस के सैनिकों को नशे की लत लग गई है और वह आदेश और निर्देश को नहीं मान रहे हैं. ऐसे सैनिकों को रूस, यूक्रेन की सीमा पर भेज रहा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार ऐसे सैनिकों को खतरनाक मोर्चे पर भेजा जा रहा है जहां जान जाना तय है. ऐसे सैनिकों के लिए रूस ने एक स्क्वॉड बनाया है. यह स्क्वॉड माफी की मांग करने वाले पूर्व सैनिकों से बने हैं. सैनिकों ने कहा है कि उन्हें इस स्क्वॉड में ड्यूटी पर नशे में रहने, नशीली दवाओं का उपयोग करने और आदेशों की अवहेलना करने के कारण शामिल होने के लिए कहा गया है. इस स्क्वॉड का नाम स्टॉर्म स्क्वॉड (Storm Squads) है.
सैनिकों की सांस से शराब की गंध आई तो…
इस स्क्वॉड में शामिल एक सैनिक ने रॉयटर्स से कहा ‘अगर कमांडेंट किसी भी सैनिकों की सांस से शराब की गंध पकड़ते हैं तो वे तुरंत उस सैनिक को स्टॉर्म स्क्वॉड में भेज देते हैं.’ मालूम हो कि रूसी सैनिकों को केवल सेना की अदालतों द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद ही पनिशमेंट के लिए इस यूनिट में भेजा जा सकता है. लेकिन स्टॉर्म स्क्वॉड के सैनिक ने कहा कि उसे कोर्ट की सुनवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
पूर्वी शहर बखमुत के पास तैनात एक सैनिक ने कहा, ‘स्टॉर्म स्क्वॉड के सैनिकों को मांस के रूप में देखा जाता था.’ और उसने छह या सात घायल स्टॉर्म-जेड सेनानियों के एक समूह को चिकित्सा उपचार दिए बिना युद्ध के मैदान में छोड़ने के अपने कमांडर के आदेश की अवज्ञा की थी. स्टॉर्म स्क्वॉड के एक यूनिट में लगभग 100 से 150 सैनिक शामिल होते हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूक्रेन के दक्षिण और पूर्व में कम से कम पांच ऐसे समूहों को तैनात किया गया है.
एक सैनिक ने कहा कि जून में बखमुत के पास लड़ाई में उसकी यूनिट के 120 लोगों में से 15 मारे गए या घायल हो गए. जापोरिजिया में 20 लड़ाकों के एक समूह ने जून में युद्ध के मैदान में लौटने से इनकार कर दिया, यह दावा करते हुए कि उन्हें बुरी तरह से एक जगह से दूसरे जगह ले जाया गया और उनकी उपेक्षा की गई.