शिखा श्रेया/रांची. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और एक सफल क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी आज कोई पहचान के मोहताज नहीं है. उनकी फैन फॉलोइंग और दीवानगी देश के हर कोने-कोने के साथ-साथ पूरी दुनिया भर में है. उनके बारे में छोटी सी छोटी बातें जाने की जिज्ञासा धोनी के फैंस के मन में हमेशा रहती है. इसी कड़ी में आज हम आपको धोनी के बारे में कुछ ऐसी जानकारी बताने वाले हैं जो शायद ही आपने पहले कभी सुनी होगी.
दरअसल, हमने बात कि धोनी के कोच चंचल भट्टाचार्य से जो फिलहाल रांची यूनिवर्सिटी में क्रिकेट कोच के रूप में बच्चों को क्रिकेट सीखने का काम करते हैं. चंचल भट्टाचार्य ने बताया कि धोनी बचपन से ही काफी अनुशासित रहे हैं. उनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह बहुत ही कम बोलते हैं.
शांत स्वभाव के है माही
कोच चंचल भट्टाचार्य ने कहा, ‘जब धोनी 10वीं क्लास में थे तब से ही मैं उनको अपने स्कूटर में बैठाकर जगह-जगह टूर्नामेंट के लिए ले जाया करता था.धोनी बचपन से ही काफी शांत स्वभाव के थे.वह उतना ही बोलते जितना जरूरत होती है. किसी से भी बिना मतलब की बातें ना करना या फिर बहस करना बिल्कुल भी पसंद नहीं था और ना नहीं वह अपने आसपास ऐसे लोगों को रखते थे.
धोनी को चाहिए अकेलापन
उन्होंने आगे बताया धोनी की सबसे बड़ी खासियत है कि वह सबको साथ लेकर चलते हैं.अगर कोई टीम में नाराज हो जाए तो उसे कैसे मनाना है या और टीम मनोबल को कैसे बनाए रखना है यह धोनी से सीखा जा सकता है.उनके पास एक विजन होता है.आपने नोटिस किया होगा अंतरराष्ट्रीय मैच में भी वह कभी भी खिलाड़ी के साथ नहीं बैठते.बल्कि, ऊपर ड्रेसिंग रूम में शांति से अकेले बैठकर मैच देखते हैं.क्योंकि उनके दिमाग में मैच को लेकर एक विजन होता है और वह उस पर विचार विमर्श लगातार करते रहते हैं.इसके लिए उन्हें एक शांत वातावरण और अकेलापन चाहिए होता है.
15 दिन तक फोन ऑफ
कोच चंचल भट्टाचार्य ने बताया धोने के लिए क्रिकेट सबसे पहले है.बाकी सारी चीजें बाद में,इसके लिए वह कई दिनों तक अपने परिवार वालों से भी बात नहीं करते.अगर कोई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में चल रहा हो तो 15 -16 दिन तक उनके मोबाइल लगातार स्विच ऑफ आते हैं.ताकि वह अपना पूरा कंसंट्रेशन क्रिकेट में लगा पाए है.उनका मानना है कि यह अगर क्रिकेट के प्रति आप पूरी तरह ईमानदार है तो बाकी सारी चीज अपने आप अपनी जगह सही हो जाएगी.
स्प्राउट्स और दूध है उनके एनर्जी का सीक्रेट
चंचल भट्टाचार्य ने बताया हमेशा लोग कहते हैं कि धोनी में इतनी एनर्जी कहां से रहती है या फिर उनके फिटनेस का राज क्या है. तो शुरू से ही वह काले चने के बने स्प्राउट्स काफी पसंद करते हैं. साथ ही दूध भी वह हमेशा लेते हैं. इसके अलावा उन्हें अपनी मां के हाथों की बनी लिट्टी चोखा व चिकन काफी पसंद है. इसके अलावा रांची के स्ट्रीट फूड भी बड़े चाव से खाते हैं. इस स्ट्रीट फूड में उन्हें चने के बने स्प्राउट्स, पापड़ी चाट और शेकस् काफी पसंद है.