मेरठ जिले के किठौर निवासी एक प्लंबर की स्कूटी से कथित रूप से तमंचा बरामद होने के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में मेरठ पुलिस प्रशासन तीन पुलिसकर्मियों को इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवान ने शुक्रवार को बताया कि दो दिन पहले थाना किठौर में तैनात मुख्य आरक्षी चौबे सिंह, आरक्षी ओमवीर सिंह तथा आरक्षी चालक अनिल कुमार ने ग्राम राधना में फिरोज नामक प्लंबर के घर में खड़ी स्कूटी से अवैध शस्त्र बरामद किया था।
उन्होंने बताया कि इन पुलिसकर्मियों ने इसके बारे में न तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों को कोई सूचना दी और न ही विधिपूर्वक तरीके से अग्रिम कार्यवाही की। सजवान ने कहा कि यह कर्तव्य के प्रति लापरवाही को दिखाता है जिसके कारण पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है।
एसएसपी ने बताया कि उक्त तीनों पुलिसकर्मियों द्वारा बरती गयी गंभीर लापरवाही के दृष्टिगत इन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए इनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने को कहा गया है। थाना किठौर निवासी फिरोज ने बृहस्पतिवार को पुलिस पर स्कूटी के अंदर तमंचा रख पैसे की मांग करने का आरोप लगाया था।
हालांकि इस मामले को मेरठ पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद गलत बताया है। फिरोज के अनुसार, बुधवार की रात तीन पुलिसकर्मी उसके घर पहुंचे, तब वह घर पर नहीं था लेकिन उसकी मां वहां थी। पुलिसकर्मियों ने पहले उसके बारे में पूछा और फिर स्कूटी की चाबी मंगाई। फिरोज का कहना है, “ उसके आने के बाद पुलिसकर्मियों ने चाबी से डिग्गी खोली और उसमें तमंचा रखकर वीडियो बना ली। इसके बाद स्कूटी लेकर चले गये। जाते समय बोल गए कि जेल नहीं जाना तो आकर बात कर ले।”
फिरोज का आरोप है कि उससे एक लाख रुपये की मांग की गई और आखिर में बड़ी मुश्किल में 50 हजार में बात बनी और वह 50 हजार रुपये देकर अपनी स्कूटी ले आया। एसएसपी सजवान के अनुसार इस मामले की जांच के दौरान घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज देखी गई। उन्होंने कहा, “स्पष्ट तौर पर सीसीटीवी फुटेज में किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा स्कूटी में अवैध शस्त्र नहीं रखा गया है। ना ही कोई पुलिसकर्मी स्कूटी के नजदीक गया है। पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद है। सीसीटीवी को कब्जे में लेकर सुरक्षित किया गया है।” एसएसपी के अनुसार जहां तक पुलिस पर पैसे मांगने का आरोप है, उसके संबंध में छानबीन की जा रही है।