‘मिर्ज़ापुर 2’ के दद्दा तो आपको याद ही होंगे. एक्टर एमएम फारूकी ने ये रोल निभाया था. अब इस एक्टर का एक बड़ा बयान सामने आया है. एमएम फारूकी उर्फ लिलिपुट ने एक हालिया इंटरव्यू में कहा कि फिल्म इंडस्ट्री अभी तक इस बात को लेकर ये तय नहीं कर पाई है कि वो उन्हें एक एक्टर के तौर पर देखे या एक बौने के रूप में.
एक्टर एमएम फारुकी का कहना है कि ओटीटी सीरीज मिर्ज़ापुर 2 में गैंगस्टर, दद्दा के रोल से उन्हें ऑडियंस का तो खूब प्यार मिला, लेकिन ये प्यार उन्हें आगे काम नहीं दिला पाया. एमएम फारूकी कहते हैं, कोई भी मुझे गैंगस्टर की भूमिका निभाते हुए नहीं सोच सकता. ऐसे किरदार को लिखने के लिए मैं राइटर और डायरेक्टर को क्रेडिट देता हूं. किरदार तो अच्छा मिला पर दुर्भाग्य से ये काम में तब्दील नहीं हुआ.”
नॉर्मल रोल नहीं मिल पाते
फारूकी बताते हैं, 80 के दशक से, मैंने यादगार रोल निभाए हैं. इसके लिए मुझे ऑडियंस ने बहुत प्यार दिया. अफसोस की बात है कि इंडस्ट्री आज तक ये तय नहीं कर पाई है कि उन्हें मुझे एक अभिनेता-लेखक के रूप में स्वीकार करना चाहिए या एक बौने के रूप में. वो मुझे ‘नॉर्मल’ रोल के लिए कन्सिडर नहीं करते. एक सामान्य कद के आदमी का पिता छोटे कद का क्यों नहीं हो सकता? लेकिन कोई बात नहीं. शुक्र है कि नए जमाने के निर्माता मेरे साथ अलग-अलग किरदारों का एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं.”
एमएम फारूकी का ये भी मानना है कि शायद ये उनकी ही गलती है कि वो काम के लिए इधर-उधर नहीं घूमते और ऑडिशन प्रोसेस में हिस्सा नहीं लेते. उनका मानना है कि उन्होंने अब चार दशकों तक इंडस्ट्री में काम किया है और इस आधार पर उन्हें काम मिलना चाहिए. खैर, अपनी इस सोच को खुद ही पुराने जमाने की मानसिकता भी बताते हैं.
हाल-फिलहाल में कहां दिखे एमएम फारुकी
इस साल उन्हें ‘एक्टिंग का भूत’,’ टू बी नॉट टू बी’ और ‘बजाओ’ जैसे प्रोजेक्ट्स में देखा गया है. वहीं उनकी ‘मिर्ज़ापुर 3’ अगले साल तक आ सकती है.